नई दिल्ली। मुनाफाखोरों की दाल नहीं गलेगी। दालों की कीमतों पर नियंत्रण के लिए सरकार निगरानी रखे हुए है। देश में दालों की कमी नहीं है और सरकार की नजर इनके मूल्यों पर है। कुछ मुनाफाखोर दालों की कमी बताकर मुनाफा वसूल रहे हैं, उनके खिलाफ सरकार करवाई करेगी।
खाद्य आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने शुक्रवार को दिल्ली में एक संवाददाता सम्मेलन में अरहर दाल की कीमत हाल में बढ़ने का मुद्दा उठाए जाने पर कहा कि बफर स्टॉक में 14 लाख टन दाल है और इसके अलावा नेफेड के पास भी 20 लाख टन दालें हैं। इसके बावजूद इनके मूल्य बढ़तें हैं तो सरकार इस पर ध्यान देगी।
राष्ट्रीय राजधानी और कुछ अन्य स्थानों में अरहर दाल की कीमत 94 – 95 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान किसी भी पार्टी ने महंगाई को मुद्दा नहीं बनाया। देश में आवश्यक वस्तुओं की कीमतें नियंत्रण में है।
एफसीआई में अब एक ही श्रेणी के होंगे श्रमिक
राम विलास पासवान ने कहा कि मजदूरों में समानता लाने के लिए भारतीय खाद्य निगम में चार श्रेणियों के करीब 40 हजार श्रमिकों को एक ही श्रेणी में कर दिया जाएगा। पासवान ने कहा कि वर्तमान में निगम में चार तरह के मजदूर हैं जिनमें विभागीय मजदूर के अलावा डेली पेमेंट, नो वर्क नो पे और ठेकेदारी प्रथा के मजदूर हैं।
विभागीय श्रमिक को सबसे अधिक वेतन मिलता है जबकि अन्य मजदूरों को काम के अनुसार भुगतान किया जाता है। इन सभी मजदूरों को अगले छह माह के दौरान एक श्रेणी में कर दिया जाएगा और उन्हें समान वेतन मिलेगा। पासवान ने कहा कि निगम में करीब 30 मजदूर यूनियन हैं जिनमें से आधी मजदूरों को एक ही श्रेणी में रखने के पक्ष में हैं। इन मजदूरों को पेंशन और स्वास्थ्य सुविधा देने पर मंत्रालय सकारात्मक रूप से विचार करेगा।
निगम में की जानी है 4103 कर्मचारियों की भर्ती
उन्होंने कहा कि निगम में 4103 कर्मचारियों की भर्ती की जानी है जिसके लिए लिखित परीक्षा होगी और उसी दिन उनके अंक घोषित कर दिये जाएंगे। नियुक्ति प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी होगी। खाद्य आपूर्ति मंत्री ने कहा कि मंत्रालय की योजनाओं और कामकाज में सुधार के लिए राज्यों के खाद्य एवं आपूर्ति सचिवों की एक बैठक 27 जून को दिल्ली में बुलाई गई है।