नई दिल्ली। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को पूर्ण बहुमत मिलने के बाद वित्त मंत्रालय वित्त वर्ष 2018-19 का पूर्ण बजट बनाने में जुट गया है। मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी है। सूत्रों का कहना है कि पूर्ण बजट में नई सरकार का फोकस पूरी तरह से किसानों, नौकरियों और निवेश पर रहेगा।
मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि आम बजट की तैयारियां वर्तमान में सुस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में तेजी लाने के उद्देश्य से की जा रही है। मंत्रालय का मानना है कि लोकसभा चुनावों के प्रचार से पहले अर्थव्यवस्था में सुस्ती आ गई थी जो अभी भी जारी है। वित्त वर्ष 2018-19 में अक्टूबर से दिसंबर तिमाही के दौरान जीडीपी ग्रोथ 6.6 फीसदी रही थी। मंत्रालय को वित्त वर्ष 2018-19 की अंतिम तिमाही में जीडीपी ग्रोथ गिरावट के साथ 6.3 फीसदी रहने का अनुमान है।
पूर्ण बजट में दीर्घकालिक योजनाओं पर होगा काम
सूत्रों का कहना है कि 2018-19 के पूर्ण बजट में अल्प अवधि के बजाए दीर्घकालिक योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है। सूत्रों ने कहा कि इसके लिए कृषि क्षेत्र, किसानों की बेहतरी, इंडस्ट्री और एमएसएमई को कर में रियायत देने पर फोकस किया जा रहा है।
इसके अलावा घरेलू बचत और नौकरियों में आ रही गिरावट को दूर करने के लिए काम किया जा रहा है। नौकरियों की समस्या को दूर करने के लिए ग्रामीण रोजगार योजनाओं पर फोकस किया जा रहा है।
जीडीपी ग्रोथ में गिरावट के मिल रहे हैं संकेत
बीती दो तिमाही से जीडीपी ग्रोथ नहीं हो पा रही है। इसको लेकर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी संकेत दे चुकी हैं। एशियन डवलपमेंट बैंक (एडीबी), भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (आईएमएफ) ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए जीडीपी ग्रोथ की दर 7.3 फीसदी तय की है। केंद्रीय स्टेटिस्टिक्स ऑफिस (सीएसओ) ने भी वित्त वर्ष 2018-19 की जीडीपी ग्रोथ 7.2 फीसदी की बजाए 7 फीसदी रहने की संभावना जताई है।