अब ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दोनों होंगे एक जैसे

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    नई दिल्ली। दोपहिया और चार पहिया वाहनों को चलाने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस का होना बेहद जरूरी होता है। आने वाले कुछ दिनों में ड्राइविंग लाइसेंस बदलने वाला है। सरकार जल्द ही ड्राइविंग लाइसेंस में चिप के साथ क्यूआर कोड भी होंगे। आगामी 1 अक्टूबर से नए लाइसेंस बनने की प्रक्रिया शुरू होने की संभावना है।

    ड्राइविंग लाइसेंस अधिकारियों के मुताबिक अब डीएल और गाड़ी का रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट दोनों एक जैसे होंगे। इसे लेकर सरकार ने एक नोटिफिकेशन भी जारी किया है। इस लाइसेंस का फायदा उन राज्यों के लोगों को मिलेगा जिनके लाइसेंस कंप्यूटर से लिंक नहीं है।

    दिल्ली के मोटर लाइसेंसिंग ऑफिसर अनिल चिकारा ने बताया कि नए प्रकार के ड्राइविंग लाइसेंस की कीमत परिवहन विभाग तय करेगा लेकिन यह भी हो सकता है कि इसके प्राइस में कोई बदलाव नहीं किया जाए। चिकारा ने यह भी बताया कि दिल्ली जैसे शहरों में यह लाइसेंस पहले ही आ चुका है।

    दिल्ली में बनने वाले लाइसेंस में चिप है, लेकिन क्यूआर कोड नहीं है। उन्होंने बताया कि इस लाइसेंस का फायदा उन राज्यों के लोगों को मिलेगा जिनके लाइसेंस कंप्यूटर से लिंक नहीं है। क्यूआर कोड होने से ये लाइसेंस परिवहन विभाग के कंप्यूटर से जुड़ जाएंगे।

    सरकार ने मांगे थे सुझाव
    इस संबंध में सरकार ने पिछले साल 30 अक्टूबर को ड्राफ्ट नोटिफिकेशन जारी किया था। लोगों से इस मामले में विचार मांगे गए थे। सरकार ने इन्हीं विचारों के आधार पर नया नोटिफिकेशन जारी किया है।

    माइक्रो चिप और क्यूआर कोड होने से कोई भी ड्राइवर अपनी किसी गलती को छिपा नहीं पाएगा। क्यूआर कोड से केंद्रीय डाटा बेस से ड्राइवर या वाहन के पहले के सारे रिकॉर्ड एक जगह पढ़ा जा सकेगा। क्यूआर कोड को स्कैन करते ही गाड़ी और ड्राइवर की सारी डिटेल मिल जाएंगी।