नई दिल्ली। फरवरी में इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन गिरकर 0.1 फीसदी पर पहुंच गया है। पिछले 22 माह में यह इंडिस्ट्रियल ग्रोथ सबसे कम है। बता दें कि जनवरी में इंडस्ट्रियल ग्रोथ 1.7 फीसदी रही थी। नए आंकड़े दिखाते हैं कि इंडस्ट्रियल सेक्टर में कमजोरी चल रही है। इसके अलावा रिटेल इन्फ्लेशन मार्च में बढ़कर 2.86 फीसदी पहुंच गई है। इकनॉमी के लिए यह एक डबल शॉक है।
वहीं मुख्य सेक्टर की बात करें तो यहां कुछ सुधार दिखे और 2.1 प्रतिशत की ग्रोथ दर्ज की गई। इससे इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन के आंकड़ों में भी सुधार होने के संकेत मिलते हैं। 8 मुख्य सेक्टर इंडस्ट्रीज का कुल इंडस्ट्रियल प्रॉडक्शन की इंडेक्स में करीब 40 प्रतिशत कब्जा है।इंडेक्स से पता चलता है कि करीब सभी सेक्टर में कैपिटल गुड्स रिकॉर्डिंग कॉन्ट्रैक्शन में 9.8 प्रतिशत की कीमी और इंटरमीडिएट गुड्स में 4.9 प्रतिशत की कमी आई है।
अप्रैल-फरवरी 2018-19 के दौरान, इंडस्ट्रियल ग्रोथ 4 फीसदी रही जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह बढ़त 4.3 फीसदी रही थी। यह जानकारी सेंट्रल स्टैटिस्टिक्स ऑफिस (CSO) द्वारा रिलीज किए गए आंकड़ों के मुताबिक है। वहीं बात करें रिटेल इन्फ्लेशन (खुदरा मुद्रास्फीति) यानी सीपीआई की तो मार्च में यह बढ़कर 2.86 फीसदी हो गई है। फरवरी में यह 2.57 फीसदी रही थी।