नई दिल्ली। वीडियोकॉन समूह ने सरकारी और निजी बैंकों के भारी भरकम 90,000 करोड़ रुपये के कर्ज को स्वीकार किया है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक यह भारत के बैंकिंग इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा दीवालिया मामला हो सकता है। समूह की दो कंपनियों, वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज लिमिटेड (वीआईएल) और वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशंस लिमिटेड (वीटीएल) पर क्रमश: 59,451.87 और 26,673.81 करोड़ रुपये बकाया हैं।
कुल कर्ज की रकम 86,125.68 करोड़ रुपये बनती है, जिसमें एसबीआई समेत अन्य बैंकों का कर्ज शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, इसके अलावा 731 अन्य कर्जदाताओं ने वीआईएल पर 3,111.80 और वीटीएल पर 1,267 करोड़ रुपये का दावा ठोका है, जिसके बाद कर्ज की कुल रकम 90,000 करोड़ रुपये हो जाती है।
इसके साथ ही ग्रुप के प्रोमोटर्स वेणुगोपाल धूत, प्रदीप कुमार धूत और राजकमल धूत ने भी मुहैया कराई गई निजी गारंटी के आधार पर 57,823.24 करोड़ रुपये का दावा किया है, जिस पर विचार किया जा रहा है। वीडियोकॉन टेलीकम्युनिकेशन ने भी वीडियोकॉन इंडस्ट्रीज से 1,786.95 करोड़ रुपये की रकम का दावा किया है, जिसे पर कोई विवाद नहीं है।
कंपनी रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल ने इन सभी आंकड़ों को आज सार्वजनिक कर दिया है। इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक यह 2016 में इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कानून आने के बाद से यह अब तक का सबसे बड़ा दीवालिया मामला है।पिछले साल एसबीआई ने डिफॉल्ट के बाद इस समूह को नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल को भेज दिया था।
वीआईएल ने करीब 54 भारतीय और विदेशी बैंकों के साथ एक को-ऑपरेटिव बैंक का जिक्र किया है, जिससे उन्होंने 59,451.87 करोड़ रुपये की कर्ज ले रखी है। इसमें से 57,443.62 करोड़ रुपये का दावा स्वीकार किया जा चुका है, जबकि 1,149.57 करोड़ रुपये के दावे को खारिज किया जा चुका है। वहीं 782.24 करोड़ रुपये के दावे की समीक्षा की जा रही है।
आईसीआईसीआई बैंक ने वीआईएल पर 3,318.08 करोड़ रुपये का दावा किया है, जबकि वीटीएल पर 1,439 करोड़ रुपये का दावा किया गया है।वीआईएल पर जिन 54 कर्जदाताओं ने दावा किया है, उसमें 34 बैंक हैं। 11,175.25 करोड़ रुपये की रकम के साथ इनमें सबसे बड़ा दावा एसबीआई का है।
वहीं वीटीएल के मामले में 34 कर्जदाताओं ने दावा किया है, जिसमें 4,605.15 करोड़ रुपये की रकम के साथ एसबीआई सबसे ऊपर है। वीआईएल में दूसरा सबसे बड़ा दावा आईडीबीआई (9,561.67 करोड़ रुपये) का है। वहीं, वीटीएल पर दूसरा बड़ा दावा सेंट्रल बैंक (3,073.16 करोड़ रुपये) का है।