नई दिल्ली। विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की शुद्ध लिवाली के दम पर बीते सप्ताह लगातार छठी साप्ताहिक बढ़त दर्ज करने वाले घरेलू शेयर बाजार की दिशा आगामी सप्ताह आर्थिक आंकड़ों, वाहन बिक्री के आंकड़ों, रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की बैठक के परिणाम, डॉलर के मुकाबले रुपए की स्थिति तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों के उतार-चढाव से तय होगी।
बीते सप्ताह 508 अंकों की तेजी के साथ बंद हुआ सेंसेक्स
बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 508.30 अंक यानी 1.33 प्रतिशत की साप्ताहिक तेजी के साथ 38,672.91 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 167 अंक यानी 1.46 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करता हुआ 11,623.90 अंक पर बंद हुआ।
दिग्गज कंपनियों की अपेक्षा छोटी और मंझोली कंपनियों पर आलोच्य सप्ताह के दौरान निवेशक अधिक मेहरबान रहे जिससे बीएसई का मिडकैप 402.73 अंक यानी 2.67 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त के साथ 15,479.62 अंक पर और स्मॉलकैप 268.56 अंक यानी 1.82 प्रतिशत की तेजी के साथ 15,027.36 अंक पर बंद हुआ।
एफआईआई और एफपीआई भी मेहरबान
बीते सप्ताह एफआईआई और एफपीआई ने पूंजी बाजार में 48,751 करोड़ रुपए का निवेश किया जिसे बाजार की धारणा मजबूत बनी रही। अगले सप्ताह भी बाजार पर इसका असर रहेगा।
आगामी सप्ताह 2 से 4 अप्रैल तक रिजर्व बैंक की मौदिक्र नीति समिति की बैठक है और चार अप्रैल को ही नीतिगत दरों के बाबत घोषणा की जानी है। विश्लेषकों के मुताबिक, इस बैठक के दौरान समिति रेपो दर में 25 आधार अंकों की कटौती का फैसला कर सकती है और ऐसा हुआ तो इससे रिएल्टी और ऑटो क्षेत्र को मजबूती मिलेगी।
इसके साथ ही दो अप्रैल को विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियों और चार अप्रैल को सेवा क्षेत्र की गतिविधियों के सूचकांक जारी होने हैं, जिनका असर शेयर बाजार पर दिखेगा। एक अप्रैल यानी सोमवार को मासिक वाहन बिक्री के आंकड़े जारी होंगे, जिनका प्रभाव निवेश धारणा पर रहेगा। इनके अलावा निवेशक लोकसभा चुनाव से पहले के राजनीतिक तिकड़मों पर बारीक नजर बनाए हुए हैं।