कोटा । शहर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष एवं नगर विकास न्यास के पूर्व अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी ने स्टोन उद्यमियों को भरोसा दिलाया कि इस उद्योग पर किसी भी स्थिति में आंच नहीं आने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि वे स्वयं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल को अवगत करवाकर इस समस्या से निजात दिलाने का प्रयास करेंगे।
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने एक बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रविन्द्र त्यागी को बताया कि पिछले 7 दिनोें से कोटा, रामगंजमण्डी, झालावाड़, भवानीमण्डी, रूणजी, एवं चेचट क्षेत्र में कोटा एवं सेण्ड स्टोन का सम्पूर्ण कारोबार ठप्प पड़ा है। इसका मुख्य कारण 1 अप्रेल 2018 से ओवरलोड के नाम पर करोड़ों रुपये के डिमाण्ड राशि ट्रकों पर निकाली गई है, जबकि 15 टन के रवन्ने का भुगतान व्यापारी सरकार को दे रहे है।
उन्होंने बताया कि स्टोन का रवन्ना काटना बंद कर दिया गया, जिससे पूरा हाड़ौती का स्टोन व्यवसाय उद्योग एवं माईनिंग क्षेत्र की गतिविधियाॅं ठप्प हो गई है। लाखों श्रमिक बेरोजगार हो गये। लोडिंग एवं अनलोडिंग पूरी तरह से ठप्प पड़ी है। 3 दिन बाद होली का त्योहार आ रहा है और श्रमिको एवं कर्मचारियों को त्योहारी भुगतान भी नहीं हो पा रहा है।
माहेश्वरी ने कहा कि इस उद्योग पर संकट सन् 1990 से आता-जाता रहा है। इस वजह से यह उद्योग भारी मंदी की दौर से गुजर रहा है। अतः खनन व्यवसाय एवं उद्योग को केन्द्र एवं राज्य सरकार इस पाबंदी से मुक्त करवाये और कानून में बदलाव कर खनन व्यवसाय को ओवर लोडिंग के दायरे से मुक्त करें। क्योंकि पत्थर का वजन अधिक होता है।
9 टन वजन भरने से इसकी वाईबेलिटी भी नहीं निकलती हैे । गाड़ी आधी खाली रहने के कारण पत्थर टूटता है, जिससे इस उद्योग का विकास भी नहीं हो पा रहा है। हाड़ौती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने कहा कि कोटा स्टोन में पिछले 5 वर्षों में भारी मंदी आई है। हजारों स्टोन इकाईयां बन्द हो चुकी हैं।
कल कलेक्टर से मिलेंगे
खादी ग्रामोद्योग संघ के अध्यक्ष राजेन्द्र जैन ने कहा कि हाड़ौती क्षेत्र का यह प्रमुख व्यवसाय था, जो धीरे-धीरे पतन की और अग्रसर हो रहा है। कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी एवं हाड़ौती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता ने बताया कि 19 मार्च मंगलवार को स्टोन उद्यमियों का एक प्रतिनिधिमण्डल कलेक्टर से भेंटकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देंगे।