नई दिल्ली।केंद्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष में अब तक 20 हजार करोड़ रुपये की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) चोरी पकड़ी है। सरकार जीएसटी फर्जीवाड़ों को रोकने और नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के नियमों का अधिक से अधिक पालन करने के लिए अधिक से अधिक उपाय करेगी। कर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज ऐंड कस्टम्स के सदस्य (जांच) जॉन जोसेफ ने कहा कि रियल एस्टेट क्षेत्र में जीएसटी दरों में कटौती के बाद क्षेत्र के समक्ष पैदा हुई समस्याओं को समझने के लिए सेक्टर के प्रतिनिधियों की एक बैठक बुलाई जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली और राज्यों के वित्त मंत्रियों की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल ने इस सप्ताह की शुरुआत में निर्माणाधीन और किफायती मकानों पर जीसएटी दर को घटाकर क्रमशः पांच फीसदी और एक फीसदी करने का फैसला किया।
हालांकि, बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि अब बिल्डर सीमेंट, इस्पात जैसी वस्तुओं पर चुकाए गए टैक्स पर इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा नहीं कर पाएंगे। इससे पहले, निर्माणाधीन मकानों पर जीएसटी की दर 12 फीसदी और किफायती मकानों पर जीएसटी दर आठ फीसदी थी और बिल्डर को इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने का अधिकार था।
जोसेफ ने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर शहरी विकास मंत्रालय के समक्ष मुद्दे को उठाना पड़ेगा। बिल्डरों की मांग है कि उन्हें इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने का अधिकार मिलना चाहिए।