कोटा। भामाशाहमंडी में महिला मजदूरों को लेकर चल रहे विवाद के लिए बुधवार को मंडी प्रशासन ने हम्माल, किसान, व्यापारियों व महिला मजदूरों के साथ बैठक की। किसानों ने साफ कह दिया कि महिला मजदूर अवैध रूप से काम कर रही हैं, किसान अलग से उन्हें मजदूरी नहीं देंगे। इनको लाइसेंस दिया जाए और हम्मालों की मजदूरी में शामिल किया जाए।
वहीं महिला मजदूरों का कहना था कि वे 40 साल से मंडी में काम कर रही हैं और वे किसानों की जिंस की सफाई करती हैं व व्यापारियों की दुकानों की भी साफ सफाई करती हैं। बैठक में किसी प्रकार का निर्णय नहीं हो सका। मंडी सचिव अब पूरे हालात की रिपोर्ट एसपी और कलेक्टर को देंगे। इसके बाद कलेक्टर के आदेश पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
मंडी सचिव मांगीलाल जाटव ने बताया कि बैठक में किसानों के प्रतिनिधियों ने साफ कह दिया कि वे महिला मजदूरों को 4 रुपए मजदूरी नहीं देंगे। यह अवैध तरीके से मंडी में काम करती हैं या तो इन्हें लाइसेंस दिए जाएं, जिससे हम्माली के साथ इनकी मजदूरी भी शामिल हो जाएगी। अलग से इन्हें मजदूरी नहीं देंगे और अगर यह लाइसेंस नहीं ले तो इन्हें मंडी से बाहर निकालो।
महिला मजदूरों का कहना था कि वे सबसे पहले व्यापारियों के यहां साफ करती हैं और उसके बाद किसानों के लिए पानी भरती हैं। उसके बाद किसानों की जिंस की साफ सफाई करती हैं और बोरी भरवाने में हम्मालों की मदद करती हैं। 40 साल से मंडी में काम कर रही हैं और अब लाइसेंस क्यों लें। हम्मालों का कहना था कि महिला मजदूर बोरी भरवाने में मदद करती हैं। बोरी पकड़ती हैं और जिंस को एकत्रित करती हैं।
इस पर जाटव का कहना था कि यह तो सब हम्माली का काम है। इसमें अलग से क्यों मजदूरी दी जाए। व्यापारियों ने भी कह दिया कि वे आज ही दुकान पर सफाई नहीं करवाएंगे और किसानों की मजदूरी भी नहीं दिलवाएंगे।
बैठक में राष्ट्रीय किसान संगठन के राष्ट्रीय मंत्री जगदीश शर्मा, घनश्याम नागर, नरेंद्र यादव, हाड़ौती यूनियन के दशरथ कुमार व्यापार, पन्नालाल मीणा, अब्दुल हमीद गौड़, फतेहचंद बागला, कोटा ग्रेन एंड सीड्स मर्चेंट एसोसिएशन केअध्यक्ष अविनाश राठी एवं हम्मालों के अध्यक्ष जगदीश गुर्जर शामिल थे।