भीलवाड़ा । चार्टर्ड अकाउंटेंट के नाम पर अब फर्जी सर्टिफिकेट जारी करना संभव नहीं हो सकेगा। इस तरह का सर्टिफिकेट जारी करने वाले आसानी से पकड़ में आ जाएंगे। इसके लिए आईसीएआई ने नया नियम बनाया है, जो एक फरवरी से लागू होगा। यह मामला बैंक दस्तावेज सहित किसी भी तरह के वो दस्तावेज, जो सीए से सत्यापित करवाकर संबंधित के यहां पेश करने होते हैं।
चूंकि सीए का पहले से ही आईसीएआई में रजिस्ट्रेशन होता है, लेकिन अब सत्यापित प्रमाण-पत्र जारी करने के लिए अलग से प्रत्येक चार्टर्ड अकाउंटेंट को रजिस्ट्रेशन करवाना होगा। फिर हर दस्तावेज के लिए यूनिक आईडी के जरिए सत्यापित किया जाएगा। एक्सपर्ट्स का कहना है कि देशभर में इन दिनों कुछ फर्जी सर्टिफिकेट जारी होने के मामले सामने आए हैं। इससे सीए पेशे की छवि को नुकसान होता है।
इस वजह से यह फैसला लिया है। इससे चार्टर्ड अकाउंटेंट के नाम पर फर्जी सर्टिफिकेट जारी होना रुक सकेगा। ऐसे सर्टिफिकेट जारी करने वाले पकड़ में आ जाएंगे। नए नियम के मुताबिक प्रत्येक चार्टर्ड अकाउंटेंट को रजिस्ट्रेशन कराना होगा। फिर प्रत्येक सर्टिफिकेट जारी करने पर यूनिक डॉक्यूमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर( यूडीआईएन) देना होगा। इससे इन दस्तावेजों को सीए ने सत्यापित किया है या नहीं, इसकी जानकारी हो पाएगी।
बैंक या अन्य किसी सरकारी संस्था को किसी सत्यापित कॉपी की सत्यता जांचनी होगी तो उस लिंक पर जाकर जांच हो सकेगी। एक फरवरी से किसी भी सीए को इसमें सर्टिफिकेट जारी करने से पहले यूडीआईएन देना होगा। एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद हर सर्टिफिकेट के लिए सीए को यूनिक आईडी जारी कर दर्ज करनी होगी।
सीए प्रेक्टिशनर को udin.icai.org पर जाकर रजिस्टर करना होगा। फिर दस्तावेज के लिए यूनिक आईडी जनरेट होगी। उसके जरिए सर्टिफिकेट को अटेस्टेड करना होगा। किसी तरह की जानकारी चाहिए या मदद की जरूरत है तो udin@icai.in पर ई मेल या 011-30110411/444 पर कॉल कर सकते है।
आईसीएआई भीलवाड़ा के पूर्व अध्यक्ष और सीकासा अध्यक्ष सीए प्रदीप सोमानी ने बताया कि देश में सीए के नाम पर फर्जी लोग दस्तावेजों को सत्यापित कर रहे हैं। इससे चार्टर्ड अकाउंटेंट संस्था की साख खराब होती है और साथ ही पेशा बदनाम होता है। फर्जीवाड़े को रोकने और सीए की साख बचाने के लिए द इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया ने यह कदम उठाया है।
यूनिक आईडी के फायदे
पहला फायदा सीए को होगा। जिसके दस्तावेज को सत्यापित किया या फिर सर्टिफिकेट जारी किया है, उसका डाटा स्टोर हो जाएगा। उसी व्यक्ति के नाम दूसरी बार कुछ सत्यापित होने पर नाम दिखेगा। कौनसा दस्तावेज कब, किसको, किस उद्देश्य के लिए जारी किया है इसकी जानकारी पोर्टल पर रहेगी। इसी तरह बैंक या कोई सरकारी संस्था अगर किसी दस्तावेज की सत्यता जानना चाहे तो उसी पोर्टल पर जाकर जानकारी ले सकता है। उसे सिर्फ यूनिक आईडी डालनी होगी और सीए के नाम आ जाएगा।