नई दिल्ली। सीबीआई ने ICICI की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर, उनके पति दीपक कोचर, विडियोकॉन ग्रुप के एमडी वीएन धूत एवं अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। विडियोकॉन प्रमुख वीएन धूत के साथ कोचर के संबंधों की जांच के लिए प्राथमिक जांच यानी प्रेलिमिनरी इन्कवायरी दर्ज करने के 10 महीने बाद सीबीआई ने यह मुकदमा दर्ज किया है।
इसी सिलसिले में सीबीआई की टीम ने मुंबई और महाराष्ट्र के चार अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की। सीबीआई के ऑफिसर मुंबई के नरीमन पॉइंट स्थित विडियोकॉन के मुख्यालय और औरंगाबाद स्थित दफ्तर की तलाशी ली। साथ ही, दीपक कोचर की कंपनी न्यूपावर रीन्यूएबल्स प्राइवेट लि. (NRPL) के ऑफिस पर भी सीबीआई का छापा पड़ा।
आरोप है कि धूत ने दीपक कोचर और उनके दो रिश्तेदारों की एक कंपनी को करोड़ों रुपये दिए। इससे पहले, 2012 में धूत के विडियोकोन ग्रुप को आईसीआईसीआई बैंक से 3,250 करोड़ रुपये का लोन मिला था। यह लोन एसबीआई की अगुवाई वाली 20 बैंकों की कंशोर्सियम से प्राप्त 40 हजार करोड़ रुपये के लोन का हिस्सा था।
धूत ने 2010 में कथित तौर पर अपने पूर्ण मालिकाना हक वाली इकाई के जरिए एनआरपीएल को 64 करोड़ रुपये दिए थे। आरोप यह भी है कि लोन मिलने के छह महीने बाद ही उन्होंने 9 लाख रुपये के एवज में अपना यह मालिकाना हक दीपक कोचर के एक ट्रस्ट को ट्रांसफर कर दिया था।
गौरतलब है कि 10 महीने पहले जब सीबीआई ने मामले में पीई दाखिल किया था तब आईसीआईसीआई बैंक ने चंदा कोचर का पक्ष लेते हुए कहा था कि उसे उन पर (चंदा कोचर) पर पूरा विश्वास है। तब बैंक ने यह भी कहा था कि विडियोकॉन को लोन आवंटित करने में पक्षपात, लालफीताशाही या गड़बड़ी का कोई सवाल ही नहीं है। हालांकि, अक्टूबर 2018 में मामला जोर पकड़ने पर चंदा कोचर ने आईसीआईसीआई बैंक से खुद इस्तीफा दे दिया था।