बेंगलुरु। क्रेडिट और डेबिट कार्ड के इस्तेमाल के साथ कई जोखिम जुड़े हैं। इसी वजह से लोग किसी डिवाइस या ई-कॉमर्स वेबसाइटों पर अपना कार्ड डेटा स्टोर करने से हिचकते हैं। ऐसे में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) कार्ड नंबर की जगह 16 अकों का टोकन जारी करवाने की व्यवस्था करने जा रहा है। टोकन बैंकों की ओर से जारी किए जाएंगे जिन्हें कार्ड के असली नंबर की जगह इस्तेमाल किया जा सकेगा। आरबीआई का यह कदम गेम चेंजर साबित हो सकता है।
जानें, क्या करें? जब हों क्रेडिट/डेबिट कार्ड फ्रॉड के शिकार
नए नियम से अंतरराष्ट्रीय यात्रियों को बड़ी राहत मिलने वाली है। खासकर थाइलैंड जैसे देश की यात्रा पर जाने के अपने जोखिम होते हैं क्योंकि वहां कार्ड-स्कीमिंग सिंडिकेट्स बेहद सक्रिय हैं जो पब्स और ईटरीज जैसी जगहों पर कार्ड डेटा स्कीम कर लेते हैं।
कई बार इंटरनैशनल वेबसाइटों से ई-सिगरेट कार्ट्रिज, माउंटेन साइकल पार्ट्स या ड्रोन आदि ऑर्डर करना भी काफी जोखिम भरा होता है क्योंकि उन वेबासइटों पर भारतीय वेबसाइटों की तरह टू-फैक्टर अथॉन्टिकेशन की अनिवार्यता नहीं होती है। औद्योगिक जगत के दिग्गजों का कहना है कि कार्ड नंबर की जगह टोकन की व्यवस्था होने से डिजिटल पेमेंट्स को बहुत बढ़ावा मिलेगा।
दरअसल, टोकन बेहद उच्च सुरक्षा मानकों के साथ जारी होते हैं। फाइनैंशल टेक्नॉलजी कंपनी एफएसएस के हेड ऑफ पेमेंट्स सुरेश राजगोपालन ने कहा, ‘एक बार टोकन इशू हो गया तो आपके (कार्ड होल्डर के) सिवा कोई दूसरा आपका ऑरिजन कार्ड नंबर नहीं जान सकता। यहां तक कि कार्ड जारी करने वाले बैंक का एंप्लॉयी भी नहीं।’ आरबीआई की पहल के कारण टोकन का प्रचार बढ़ेगा और नॉर्मल रिटेल कस्टमर्स अपने बैंक से मुफ्त में टोकन जारी करवा सकेंगे।
टोकन का सबसे प्रमुख सिक्यॉरिटी फीचर इसमें लगातार बदलना है। कोटक महिंद्रा बैंक के डिजिटल हेड ने बताया, ‘डेबिट कार्ड के बदले 16 डिजिट का टोकन हर ट्रांजैक्शन के बाद बदल जाएगा। देश में अब तक ज्यादातर इनोवेशन यूपीआई और आईएमपीएस प्लैटफॉर्मों को लेकर हो रहे हैं, लेकिन कार्ड्स को लेकर यह पहला बड़ा इनोवेशन है।
इन्क्रिप्शन और टोकनिजम के जरिए हमें ई-कॉमर्स स्पेस में फर्जीवाड़े की बहुत कम गुंजाइश बच पाने की उम्मीद है। ईवीएम कार्ड और पिन के कारण एटीएम फ्रॉड में कमी आई है, लेकिन ऑनलाइन स्पेस में आगे का रास्ता टोकनिजम ही है।’ डेबिट कार्ड से ऑनलाइन भुगतान करने से पहले दो बार सोच लें। ऑनलाइन भुगतान के लिए क्रेडिट कार्ड हमेशा एक बेहतर विकल्प होता है क्योंकि यह ज्यादा सिक्यॉरिटी से लैस होता है।
अगर क्रेडिट कार्ड से पैसे चोरी हो जाते हैं तो पैसा वापिस लाने की जिम्मेदारी बैंक की होगी। कुल मिलाकर कहें तो ऑनलाइन फ्रॉड से बचने के लिए बेहतर है कि ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के लिए क्रेडिट कार्ड को तरजीह दें और डेबिट कार्ड का इस्तेमाल कम करें।ध्यान रखें कि एटीएम से पैसे निकालते समय अपने चारों तरफ नज़र घुमा लें।
अगर आपको स्किमिंग डिवाइस या कुछ और संदिग्ध चीज दिखें तो एटीएम से ट्रांजेक्शन न करें। इसके अलावा उन्हीं एटीएम से पैसे निकालें जो भरोसेमंद हों। रेलवे स्टेशन्स, बस स्टैंड या बहुत ज्यादा भीड़भाड़ इलाके वाले एटीएम को नज़रअंदाज करें। एटीएम से पैसे निकालते समय हमेशा हाथ से अपने पिन को छिपा लें।
जरूरी है कि आप फ्रॉड से बचने के लिए इंश्योरेंस सब्सक्राइब कर लें। अगर आपके अकाउंट में सेंध लगती है, तो इंश्योरेंस से आप नुकसान की भरपाई कर सकते हैं।सिर्फ उन्हीं वेबसाइट्स से खरीदारी करें तो सिक्यॉर हों। सुनिश्चित करें कि अपने कार्ड की डीटेल्स कभी ऑनलाइन सेव न करें। अगर वेबसाइट हैक हो जाती है तो कार्ड डीटेल्स सेव होने की स्थिति में कार्ड फ्रॉड की आशंका बनी रहती है।
अपने बैंक स्टेटमेंट को लगातार जांचते रहें ताकि किसी भी संदिग्ध ऐक्टिविटी पर नज़र रखी जा सके। अगर आपको कोई ऐसी ट्रांजेक्शन दिखता है तो तुरंत कस्टम केयर सर्विस से कॉन्टेक्ट करें।कभी भी अपने कार्ड की डीटेल्स जैसे एक्पायरी डेट, सीवीवी या पिन किसी के साथ साझा न करें।
कई बार ठग बहाने से कॉल करते हैं और बैंक अधिकारी बन कर गोपनीय जानकारी पूछते हैं, जिसके चलते फ्रॉड टांजेक्शन करना संभव होता है। इस तरह की कॉल्स के झांसे में न आएं और इनसे बचें। आखिरी और जरूरी बात कि सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा निजी जानकारियों को साझा करने से बचें।
उदाहरण के लिए अगर ठग कार्ड चुराकर सोशल मीडिया से आपकी निजी जानकारी जैसे जन्मतिथि पता कर लेते हैं। इसके बाद बैंक को कॉल कर वह आपकी सभी गोपनीय जानकारी देकर आपके अकाउंट का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं। इसलिए सोशल मीडिया पर निजी और गोपनीय जानकारी साझा न करें।
इंडस्ट्री प्लेयर्स का कहना है कि ऐपलपे, सैमसंगपे जैसे वॉलिट्स के इस्तेमाल के लिए मोबाइल में कार्ड डेटा स्टोर करना पड़ता है। अब इन वॉलिट्स कंपनियों को भारतीय ग्राहकों के लिए टोकन वाली सुविधा देनी होगी।