नई दिल्ली।सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर तबकों को सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थाओं में 10 फीसद आरक्षण पर संसद की मुहर लग गई है। लोकसभा के बाद राज्यसभा ने भी बुधवार को सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण संबंधी 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर दिया। 165 सांसदाें ने बिल के पक्ष में और 7 सदस्यों ने इसके खिलाफ वोटिंग की।
अब यह बिल मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा जाएगा। राष्ट्रपति से मंजूरी के बाद विधि मंत्रालय इसे अधिसूचित करेगा और यह कानून बन जाएगा। चर्चा के दौरान कांग्रेस सदस्य कपिल सिब्बल ने कहा कि अगर 8 लाख रुपए कमाने वाला गरीब है तो सरकार को 8 लाख तक की कमाई पर इनकम टैक्स भी माफ कर देना चाहिए। इस पर केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि राज्य चाहें तो 8 लाख रुपए की सीमा को घटा-बढ़ा सकते हैं। यह आरक्षण राज्य सरकारों की नौकरियों और कॉलेजों पर भी लागू होगा।
मोदी ने कहा- सामाजिक न्याय की जीत हुई
नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर सवर्ण आरक्षण बिल पास होने की बधाई दी। उन्होंने कहा- यह बिल संसद के दोनों सदनों में पास होना सामाजिक न्याय की जीत है।
कुल आरक्षण 49.5% से बढ़कर 59.5% हो जाएगा
वर्ग | मौजूदा आरक्षण | नया आरक्षण |
ओबीसी | 27% | 27% |
एससी | 15% | 15% |
एसटी | 7.5% | 7.5% |
सवर्ण | — | 10% |
कुल | 49.5% | 59.5% |
सवर्णों को आरक्षण देने के लिए 5 प्रमुख मापदंड
- परिवार की सालाना आमदनी 8 लाख रु. से ज्यादा न हो।
- परिवार के पास 5 एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि न हो।
- आवेदक के पास 1,000 वर्ग फीट से बड़ा फ्लैट नहीं होना चाहिए।
- म्यूनिसिपलिटी एरिया में 100 गज से बड़ा घर नहीं होना चाहिए।
- नॉन नोटिफाइड म्यूनिसिपलिटी में 200 गज से बड़ा घर न हो।
सरकार ने कहा- राज्य आय सीमा घटा-बढ़ा सकते हैं
राज्य चाहें तो पैमाना 5 लाख भी कर सकते हैं : कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष से कहा- आप विधेयक में 8 लाख की आय सीमा पर सवाल उठा रहे हैं। लेकिन बिल में प्रावधान है कि राज्य अपनी मर्जी से जनरल कैटेगरी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों का पैमाना तय कर सकेंगे।
उदाहरण के लिए किसी राज्य को लगता है कि आमदनी का पैमाना 8 लाख रुपए नहीं 5 लाख रुपए होना चाहिए तो वह ऐसा कर सकेगा। संवैधानिक संशोधन के जरिए राज्यों को यह निर्णय करने का अधिकार रहेगा।
राज्य सरकारों की नौकरियों और कॉलेजों पर भी लागू होगा : रविशंकर प्रसाद ने कहा- यह आरक्षण सिर्फ केंद्र सरकार की नौकरियों या केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों पर लागू नहीं होगा। यह राज्य सरकारों की नौकरियों और कॉलेजों पर भी लागू होगा।
आप हमसे सवाल पूछ रहे हैं कि अभी इस बिल को क्यों ला रहे हैं। आपको किसने रोका था इस बिल को लाने के लिए? हम सभी राजनीतिक कार्यकर्ता हैं और मैं मानता हूं कि इस मुद्दे को समझने की कोशिश सभी ने की है। गांव में जाइए, आपको पता चलेगा कि अगड़े वर्ग के लोग भी गरीब हैं।