Airtel खो सकता है 5 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ता, जानिए क्यों

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नई दिल्ली । Airtel और Vodafine Idea ने हाल ही में अपने एवरेज रिवेन्यू पर यूजर को बढ़ाने के लिए मिनिमम रिचार्ज प्लान्स अपने ग्राहकों के लिए निकाला था। इस मिनिमम रिचार्ज प्लान्स को यूजर्स के लिए उतारने के बाद टेलिकॉम कंपनियों को इसके साइड इफेक्ट्स दिखने शुरू हो गए हैं।

हाल ही में एक रिपोर्ट के हवाले से खबर आई है कि भारती Airtel अगले कुछ महीने में 50 से 70 मिलियन यानी की लगभग 5 से 7 करोड़ उपभोक्ताओं को खो सकती है। भारती Airtel के मिनिमम रिचार्ज प्लान्स 35 रुपये से शुरू होते हैं।

मिनिमम रिचार्ज प्लान के उतारते ही इन दोनों टेलिकॉम कंपनियों ने अक्टूबर 2018 से अपने यूजर्स के लिए लाइफटाइम वैलिडिटी को समाप्त कर दिया है। लाइफटाइम वैलिडिटी के समाप्त होते ही अगर यूजर्स अपने फोन को 30 दिन तक रिचार्ज नहीं कराते हैं तो उनके फोन से आउटगोइंग कॉल्स की फेसिलिटी समाप्त हो जाती है।

वहीं, 45 दिनों के बाद इनकमिंग कॉल्स भी आनी बंद हो जाएगी। ग्राहकों को इनकमिंग और आउटगोइंग फैसिलिटी को रिज्यूम करने के लिए यूजर्स को टेलिकॉम कंपनियों द्वारा जारी किए गए मिनिमम रिचार्ज प्लान्स में से किसी एक प्लान को रिचार्ज कराना होगा।

हालांकि, ग्राहक अगर अपने नंबर को अनलिमिटेड प्लान्स के साथ रिचार्ज कराता है तो उनके नंबर पर जब तक वैलिडिटी रहती है तब तक उनके नंबर पर इनकमिंग और आइटगोइंग कॉल्स की सेवा जारी रहेगी। Airtel और Vodafine Idea मिनिमम रिचार्ज प्लान्स का सबसे ज्यादा असर उन ग्राहकों पर पड़ा है जो दो नंबर इस्तेमाल करते हैं।

ये यूजर्स अपने एक नंबर का सिर्फ इनकमिंग कॉल्स के लिए इस्तेमाल करते थे। जिसकी वजह से कंपनियों के एक्टिव ग्राहकों की संख्या ज्यादा होने के बाद भी रिवेन्यू का नुकसान होता था।एयरटेल के यूजर्स की संख्या में आने वाली इस कमी के बारे में कंपनी पहले से ही पता था।

क्योंकि कंपनी को यह पता था कि ये यूजर्स अपने नंबर का इस्तेमाल ऑप्शन या विकल्प के तौर पर करते थे और टेलिकॉम ऑपरेटर्स को पे नहीं करते थे। जिसकी वजह से टेलिकॉम कंपनी को रिवेन्यू पर यूजर का नुकसान होता था।