नई दिल्ली। बुधवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 7 प्रतिशत गिरकर 65.09 डॉलर प्रति बैरल पर आ गिरा। पिछले महीने के पहले हफ्ते में क्रूड के भाव पर गौर करें तो यह बहुत बड़ी गिरावट है, जिसका असर रुपये की सेहत पर भी पड़ा और डॉलर के मुकाबले यह 67 पैसे तक मजबूत हो गया। गौरतलब है कि अक्टूबर महीन के पहले हफ्ते में ब्रेंट क्रूड का भाव 87 डॉलर प्रति बैरल के आसपास था। यानी, अक्टूबर के पहले हफ्ते से नवंबर का दूसरा हफ्ता आते-आते कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत 22 डॉलर प्रति डॉलर कम हो चुकी है।
रुपये में मजबूती
5 नवंबर को ईरान पर अमेरिकी पाबंदी लागू होने के बाद कच्चे तेल के भाव को लेकर संशय की स्थिति थी, लेकिन आज की गिरावट के बाद भारतीय तेल कंपनियों समेत रुपये को जबर्दस्त मजबूती मिली है। साथ ही, रुपया आज 72.18 प्रति डॉलर के भाव पर खुलकर इंट्राडे ट्रेडिंग के दौरान 67 पैसे मजबूत होकर 71.99 प्रति डॉलर के स्तर तक पहुंच गया।
उधर, 11:47 बजे निफ्टी एनर्जी सेक्टोरल इंडेक्स 1.22 अंक मजबूत हो चुका था। इस दौरान हिंदुस्तान पेट्रोलियम के शेयर 8.35%, बीपीसीएल के 7.31% और इंडियन ऑइल के शेयर 7.14% तक मजबूत हो गए थे।
आखिर क्यों सस्ता हो रहा है कच्चा तेल?
ऊर्जा क्षेत्र पर नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे तेल की कीमत गिरने का सिलसिला जारी रह सकता है। उनका कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक पर उत्पादन बढ़ाने का दबाव, खुद अमेरिका और रूस में तेल उत्पादन में वृद्धि, अगले साल से अमेरिका द्वारा हर रोज 1 करोड़ 20 लाख बैरल तेल उत्पादन की योजना और भारत समेत आठ देशों को ईरान से तेल आयात की छूट जैसे कारणों से तेल की कीमतों में गिरावट आ रही है।
कच्चे तेल में गिरावट से पेट्रोल-डीजल सस्ता
कच्चे तेल का भाव गिरने से देश में पेट्रोल-डीजल पर भी लगातार राहत मिल रही है। इस महीने पेट्रोल-डीजल की कीमत दो दिनों को छोड़कर रोज गिरी है। 7 तारीख के बाद आज दूसरा दिन है जब पेट्रोल-डीजल के दाम में कटौती नहीं हुई। आज दिल्ली में पेट्रोल का भाव 77.43 रुपये प्रति लीटर जबक डीजल 72.19 रुपये प्रति लीटर है।