नयी दिल्ली। चीनी मिलों के संगठन इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने गन्ना उत्पादन कम रहने तथा एथनॉल बनाने में गन्ने का इस्तेमाल बढ़ने के कारण विपणन वर्ष 2018-19 के लिए चीनी उत्पादन का पूर्वानुमान सोमवार को तीन प्रतिशत घटाकर 315 लाख टन कर दिया। इस्मा ने इससे पहले जुलाई में चालू विपणन वर्ष के लिए 350 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान व्यक्त किया था।
इससे पिछले विपणन वर्ष (2017- 18) में चीनी उत्पादन 325 लाख टन के रिकार्ड स्तर पर रहा है। इस्मा ने एक बयान में कहा, ‘‘चालू विपणन वर्ष 2018-19 में चीनी उत्पादन तीन-चार महीने पहले के अनुमान से कम रह सकता है।’’ चालू चीनी विपणन वर्ष के दौरान चीनी उत्पादन अब 315 लाख टन रहने का अनुमान लगाया जा रहा है।
वक्तव्य में कहा गया है कि तीन शीर्ष गन्ना उत्पादक राज्यों उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक में मौसम एवं वर्षा के प्रतिकूल प्रभावों तथा महाराष्ट्र एवं उत्तर कर्नाटक में कीड़ों के आक्रमण के कारण चालू वित्त वर्ष में गन्ना उत्पादन अनुमान अब घटाकर करीब 315 लाख टन किया जाता है। एथनॉल उत्पादन में गन्ने का इस्तेमाल करने से भी चीनी उत्पादन प्रभावित होगा।
वक्तव्य में कहा गया है, ‘‘वर्ष 2018- 19 में चीनी उत्पादन 320 लाख टन के करीब रह सकता है। हालांकि, यह आंकड़ा और भी कम हो सकता है। गन्ने का यदि एथनॉल में उपयोग बढ़ा तो उत्पादन का आंकड़ा और नीचे आकर 315 लाख टन रह सकता है।’’ संगठन का कहना है कि हालांकि, देश में चीनी की अधिक उपलब्धता बनी रहेगी।
पुराना बकाया स्टॉक अधिक रहने की वजह से चीनी की कुल उपलब्धता काफी होगी। वर्ष 2018- 19 के दौरान चीनी उपलब्धता 427 लाख टन तक रहने का अनुमान है जबकि चीनी की सालाना घरेलू मांग 255 से 260 लाख टन रहने का अनुमान है। इस्मा के मुताबिक यदि मिलें वर्ष के दौरान 40 से 50 लाख टन चीनी का निर्यात भी कर देतीं हैं तब भी 110 से 130 लाख टन तक का स्टॉक अधिशेष होगा।
इस्मा ने उत्तर प्रदेश में चीनी उत्पादन का अनुमान जुलाई 2018 के 130- 135 लाख टन से संशोधित कर 121 लाख टन कर दिया। इससे पिछले साल भी यह 120.4 लाख टन के आसपास ही रहा था। महाराष्ट्र में चीनी उत्पादन चालू विपणन वर्ष के दौरान 95 लाख टन रहने का अनुमान लगाया गया है। पिछले साल राज्य में चीनी उत्पादन 107.20 लाख टन के करीब रहा था। इससे पहले जुलाई में राज्य में 110 से 115 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया था।