नई दिल्ली। जीएसटी संग्रह सितंबर में बढ़कर 94,442 करोड़ रुपये रहा। इससे पिछले महीने में यह 93,690 करोड़ रुपये था। आने वाले महीनों में त्योहारों के दौरान खरीद फरोख्त बढ़ने से इसमें और वृद्धि की उम्मीद है। वित्त मंत्रालय ने सोमवार को एक बयान में कहा कि सितंबर महीने में 67 लाख माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न दाखिल किये गये और 94,442 करोड़ रुपये कर के रूप में जमा किये गये।
मंत्रालय के अनुसार कुल जीएसटी संग्रह में केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) 15,318 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी (एसजीएसटी) 21,061 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 50,070 करोड़ रुपये (आयात से 25,308 करोड़ रुपये का संग्रह शामिल) तथा उपकर 7,993 करोड़ रुपये रहा है। उपकर में 769 करोड़ रुपये आयात पर किया गया संग्रह शामिल हैं।
इसमें कहा गया है, ‘‘केंद्र सरकार तथा राज्य सरकार द्वारा कुल राजस्व सितंबर 2018 में सीजीएसटी 30,574 करोड़ रुपये तथा एसजीएसटी 35,015 करोड़ रुपये रहा है।’’ सितंबर महीने में राजस्व संग्रह अगस्त महीने में की गयी खरीद और बिक्री गतिविधियों को प्रतिबिंबित करता है।
कर विशेषज्ञों के अनुसार जुलाई और अगस्त में अप्रत्यक्ष कर संग्रह कम रहा और गणेश चतुर्थी के बाद त्योहार मांग बढ़ने के साथ वृद्धि देखी जा रही है। डेलायट इंडिया के भागीदार एम एस मणि ने कहा, ‘‘अगस्त महीने में संग्रह यह तथ्य को बताता है कि त्योहारों की मांग अभी बढ़नी नहीं शुरू नहीं हुई है तथा कई जिंसों पर जीएसटी 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत करने का प्रभाव अब देखा जा रहा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘त्योहारों के दौरान मात्रा बढ़ने से अगले कुछ महीनों में संग्रह बढ़ने की उम्मीद है।’’ जीएसटी परिषद ने सैनिटरी नैपकिन, फ्रीज, छोटे आकार के टीवी समेत 88 जिंसों पर जीएसटी दर में कमी की। इस कटौती के बाद अब केवल 35 जिंस उच्चतम 28 प्रतिशत कर के दायरे में बचे हैं।
वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह को एक लाख करोड़ रुपये मासिक तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। हालांकि अप्रैल को छोड़कर वसूली लक्ष्य से कम रही है। अप्रैल में यह एक लाख करोड़ रुपये से अधिक थी। मई में जीएसटी संग्रह 94,016 करोड़ रुपये, जून में 95,610 करोड़ रुपये, जुलाई में 96,483 करोड़ रुपये तथा अगस्त में 93,960 करोड़ रुपये था।