मुंबई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से बैंक खाते खोलने के लिए आधार अनिवार्य नहीं रह गया है। ऐसे में नए बैंकों को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना होगा, क्योंकि वे नए ग्राहकों को जोड़ने के लिए टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर रहे थे। इससे बैंकों की लागत बढ़ेगी और नए खाते खोलने की प्रक्रिया भी सुस्त होगी।
नए स्मॉल बैंक और पेमेंट बैंक आधार नेटवर्क का इस्तेमाल तेजी से नो योर कस्टमर (केवाईसी) प्रोसेस को पूरा करने के लिए करते हैं। इससे उनकी लागत भी कम रहती है। कुछ ने तो आधार को नया खाता खोलने के लिए अनिवार्य भी बना दिया था, लेकिन अब स्थिति बदल गई है।
बैंकरों का कहना है कि अब जो लोग आधार देने से मना करेंगे, उनका खाता खोलने में देरी होगी। इस पर उज्जीवन स्मॉल फाइनैंस बैंक के सीईओ समित घोष ने कहा, ‘हम खाता खोलने के लिए आधार नेटवर्क का इस्तेमाल कर रहे थे। यह प्रोसेस फास्ट और कम लागत वाला था।
अब हमें मैनुअल प्रोसेस से खाता खोलना होगा, जिससे हमारी लागत बढ़ेगी। पहले जहां एक खाता खोलने में 10 मिनट का समय लग रहा था, वहीं अब इसमें आधे घंटे से ज्यादा समय लगेगा।’ उज्जीवन ने फरवरी 2017 में कामकाज शुरू किया था और अब तक वह 7 लाख ग्राहक आधार नेटवर्क के जरिये जोड़ चुकी है।
इस पर पीडब्ल्यूसी इंडिया में गवर्नमेंट और पब्लिक सेक्टर के पार्टनर और लीडर नील रतन ने बताया, ‘सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि किसी भी सर्विस के लिए आधार नंबर अनिवार्य नहीं होगा। हालांकि, कल्याणकारी योजनाओं का फायदा लेने के लिए इसकी जरूरत पड़ेगी।
इसलिए बैंक और टेलिकॉम कंपनियां अब आधार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगी। जो लोग बैंक खाते में सरकारी बेनेफिट चाहते हैं, उन्हें आधार लिंकिंग की जरूरत पड़ेगी। मुझे लगता है कि जो लोग सुविधा, तेज और एफिशिएंसी की मांग करेंगे, वे आधार नेटवर्क का इस्तेमाल कर सकते हैं।’
कोटक महिंद्रा 811 अकाउंट, एसबीआई YONO सेविंग्स अकाउंट और यहां तक कि स्टैंडर्ड चार्टर्ड डिजिटल अकाउंट ओपन करने के लिए आधार नंबर का इस्तेमाल करता है। अब उन्हें ग्राहकों को आधार या बिना आधार का ऑप्शन देना होगा। एसबीआई के चेयरमैन रजनीश कुमार ने कहा कि बैंक ने अपने 80 से 85 पर्सेंट सेविंग्स अकाउंट्स को आधार से लिंक कर लिया है, लेकिन वह अदालत के आदेश का पालन करेगा।
हर किसी को सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानना होगा, लेकिन मुझे लगता है कि ग्राहक के लिए आधार लिंकिंग अच्छी थी। उन्होंने बताया कि एसबीआई आज 27 हजार खाते रोज डिजिटल तरीके से खोल रहा है। स्मॉल फाइनैंस बैंकों को अब इस मामले में अपने मॉडल पर पुनर्विचार करना होगा।