नई दिल्ली । बाजार से फंड जुटाने की प्रक्रिया को गति देने के लिए पूंजी बाजार नियामक सेबी ने बड़ा फैसला किया है। मंगलवार को सेबी की बोर्ड बैठक में स्टॉक एक्सचेंज में आइपीओ की लिस्टिंग का समय छह दिन से घटाकर तीन दिन करने का फैसला किया गया है। बोर्ड ने आइपीओ में शेयर खरीदने के लिए रिटेल निवेशकों को यूपीआइ से भुगतान की सुविधा भी देने का फैसला किया है।
सेबी की बोर्ड बैठक में पूंजी बाजार से जुड़े कई अहम फैसले लिए गए। सेबी के चेयरमैन अजय त्यागी ने कहा कि आइपीओ जारी होने के बाद की समयसीमा कम करने और जल्दी लिस्टिंग व ट्रेडिंग से कंपनी के साथ-साथ निवेशकों को भी फायदा होगा।
सेबी ने बाजार से डीलिस्ट होने की प्रक्रिया में भी बदलाव किया है। इससे इस प्रक्रिया की वर्तमान खामियों को दूर किया जा सकेगा। सेबी ने म्यूचुअल फंड में निवेश की लागत को कम करने के प्रस्ताव पर भी मुहर लगा दी है।
बैठक में ऐसे फंड पर कुल खर्च की सीमा फीसद तय करने का फैसला किया गया है। त्यागी ने बताया कि म्यूचुअल फंड उद्योग को सभी स्कीम में कमीशन के लिए फुल-ट्रायल मॉडल को अपनाना होगा। वर्तमान में म्यूचुअल फंड अपने डिस्ट्रीब्यूटर को दो फीसद तक का कमीशन देते हैं।
सेबी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) के लिए नए केवाईसी नियम लाने की बात भी कही है। विदेशी इकाइयों को कमोडिटी डेरिवेटिव मार्केट में निवेश की अनुमति दी गई है। सेबी ने घरेलू पूंजी बाजर में प्रवेश को एफपीआइ के लिए एक कॉमन एप्लीकेशन फॉर्म लाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है।
इससे विदेशी निवेशकों का भारतीय पूंजी बाजार में प्रवेश आसान होगा। सेबी ने जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वालों, भगोड़े आर्थिक अपराधियों संग बाजार पर व्यापक प्रभाव डालने वाली ऋण चूक करने वाली इकाइयों को सेटलमेंट मैकेनिज्म से बाहर करने का फैसला किया है।
किसानों को फायदा देने के लिए सेबी ने एग्री कमोडिटी डेरिवेटिव एक्सचेंज से एकमुश्त एक लाख रुपये का शुल्क लेने की घोषणा भी की है। पहले टर्नओवर के आधार पर शुल्क लिया जाता था।
आइसीआइसीआइ ने दिया नोटिस का जवाब
सेबी ने बताया कि कथित नियामकीय चूक के मामले में आइसीआइसीआइ बैंक ने कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। वीडियोकॉन समूह को दिए गए कर्ज के मामले में कथित धांधली को लेकर बैंक की सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर के खिलाफ जांच चल रही है।