नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अपने इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) का शुभारंभ कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम पहुंच कर इस योजना का शुभारंभ किया। केंद्र सरकार आज से इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक (आईपीपीबी) के जरिए उन लोगों के द्वार तक बैंकिंग सुविधाएं मुहैया करा रही है, जो अभी तक ऐसी सेवाओं से वंचित हैं।
डाकिया अब चलता-फिरता बैंक
चूंकि डाकघरों पर लोगों का भरोसा है और ये उनकी पहुंच में भी हैं, इसलिए सरकार ने यह योजना बनाई है। इसके जरिए डाकिया अब चलता-फिरता बैंक बन गया है। इससे घर बैठे ही पैसा जमा कराने और निकालने की सुविधा मिलेगी। मात्र आधार कार्ड से खाता खुल जाएगा। पीएम मोदी ने बताया कि केवल एक मैसेज कर देने भर से डाकिया घर आकर पैसा ले जाएगा और दे जाएगा।
इसके जरिए बचत खाते में 4% ब्याज भी मिलेगा। इसमें न्यूनतम राशि रखने की कोई बाध्यता नहीं है। देश के 650 जिलों में ये सेवा मिलेगी। इस दौरान सबसे पहले पीएम मोदी ने अपने फोन से मैसेज भेजकर अपना खाता खोला।
बड़े पैमाने पर शुरू होने वाली इस सेवा में 650 शाखाएं शामिल होंगी और 17 करोड़ खातों के साथ यह अपनी बैंकिंग शुरू करेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को बड़े पैमाने पर फायदा होगा। आईपीपीबी बैंकिंग सेवा डाकघरों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।
डाकिया बैंक लाया
पीएम मोदी ने कहा कि डाक भारतीय इतिहास का हिस्सा है, इसीलिए डाकिया पर विश्वास बना रहेगा। उन्होंने कहा कि अब डाकिया बैंक लाया। नई तकनीक को सराहते हुए पीएम मोदी ने कहा कि इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक नई ओर अद्भुत व्यवस्था साबित होगी। इसके जरिए ग्राहकों को अपने पासवर्ड और पिन को याद रखने की जरूरत नहीं रहेगी।
इसी दौरान कांग्रेस पर निशाना साधते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आजादी के बाद से लेकर साल 2008 तक देश के बैंकों ने 18 लाख करोड़ रुपये की राशि ही लोन के तौर पर दी थी। लेकिन साल 2008 के बाद के छह वर्षों में ये राशि बढ़कर 52 लाख करोड़ रुपये हो गई यानी जितना लोन बैंकों ने आजादी के बाद दिया था, उसका दोगुना लोन पिछली सरकार के छह साल में बांट दिया।
बता दें कि पेमेंट बैंकों की मंजूरी पाने वालों में एयरटेल और पेटीएम के बाद आईपीपीबी तीसरी इकाई है। आईपीपीबी के कार्यकारी अधिकारी सुरेश सेठी के मुताबिक आईपीपीबी अपने तंत्र की परख के लिए नजदीकी यूजर ग्रुप के साथ 250 से ज्यादा प्रयोग की शुरुआत पहले ही कर दी है।
सरकार का कहना है कि आईपीपीबी के तहत भारत में मौजूद लगभग 1.55 लाख डाकघर शाखा ग्राहकों के लिए अंतिम व्यक्ति तक पहुंच बनाने के मकसद से काम करेंगे। कुल 650 पेमेंट बैंक शाखा नियंत्रण कार्यालय के तौर पर काम करेंगी। यानी कि 650 पेमेंट्स बैंक के अलावा भी सारे डाकघरों में बैंकिंग सुविधा देने का विकल्प रहेगा।
इसके तहत एक लाख रुपये तक का बचत खाता, 25 हजार तक की जमा राशि पर पर 5.5 फीसदी ब्याज, चालू खाता और थर्ड पार्टी इंश्योरेंस जैसी सुविधाएं मिलेंगी। वहीं आधार भुगतान का पता बन जाएगा। एक बार सेवा शुरू होने के बाद आईपीपीबी देश का सबसे बड़ा वित्तीय सेवा नेटवर्क बन जाएगा।
डाकिया और ग्रामीण डाक सेवक शहरी और ग्रामीण इलाकों में डिजिटल भुगतान सेवा पहुंचाएंगे। गौरतलब है कि 2015 में आरबीआई ने भारतीय पोस्ट को भुगतान बैंक के रूप में काम करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी थी।
नहीं लगेगा एटीएम चार्ज
देश के अन्य बैंक अपने एटीएम कार्ड और इंटरनेट बैंकिंग की सुविधा के लिए चार्ज करते हैं, लेकिन पोस्ट ऑफिस पेमेंट बैंक के उपभोक्ता को एटीएम लेने के लिए आपको किसी तरह का कोई शुल्क नहीं देना होगा।
मिनिमम एवरेज बैलेंस चार्ज नहीं
इसी तरह मोबाइल अलर्ट के लिए भी बैंक कोई शुल्क नहीं लेगा। अभी ज्यादातर बैंक 25 रुपए से लेकर 50 रुपए तक एसएमएस अलर्ट के लिए शुल्क वसूलते हैं। इसी तरह तिमाही बैलेंस मेंटेन करने के लिए भी कोई चार्ज नहीं देना पड़ेगा।