नई दिल्ली। अमेरिका द्वारा लगाए जा रहे ताजा प्रतिबंधों से ईरान उभरने की कोशिश में लगा हुआ है। इसके लिए अब वह एशिया की तरफ आशा से देख रहा है। अपनी आर्थिक हालत में सुधार के लिए वह भारत समेत बाकी एशियाई देशों को तेल की कीमत में भारी छूट देने की प्लानिंग भी कर रहा है।
फिलहाल यह साफ नहीं है कि वह छूट कितनी होगी, क्योंकि इस बारे में ईरान के ऑइल मिनिस्ट्री के लोग भी खुलकर बात करने से कतरा रहे हैं। ईरान की न्यूज एजेंसी की एक खबर के मुताबिक, मिनिस्ट्री का कहना है कि डिस्काउंट देना तो ग्लोबल मार्केट में बने रहने का एक हिस्सा है।
सऊदी अरब से टक्कर
अमेरिका के प्रतिबंध झेल रहे ईरान का सीधा मुकाबला सऊदी अरब से है। ब्लूमबर्ग की खबर के मुताबिक, ईरान की नैशनल ईरानियन ऑइल कंपनी सितंबर की सेल्स के लिए अपने प्राइस काफी कम कर सकती है। यह डिस्काउंट पिछले 14 साल में दिया गया सबसे बड़ा डिस्काउंट हो सकता है।
बता दें कि अमेरिका ने खुद को 2015 न्यूक्लियर डील से अलग करके ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगाने की बात कही थी। 5 नवंबर से उसके प्रतिबंध का दूसरा चरण शुरू होने वाला है। इसके बाद ईरान पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल बेचने पर पाबंदी लग जाएगी। हालांकि, भारत और चीन पहले ही साफ कर चुके हैं कि वे ईरान से लिए जाने वाले ईंधन में फिलहाल कटौती करने को तैयार नहीं हैं। गौरतलब है कि ईरान में उत्पादित होने वाले कुल का आधे से ज्यादा भारत और चीन ही खरीदते हैं।
फिर भी ईरान की तेल से होने वाली कमाई पर प्रतिबंध का असर तो देखने को मिलेगा ही। जानकारों के मुताबिक, फिलहाल ईरान कुल 2.3 मिलियन बैरल तेल का उत्पादन करता है। प्रतिबंध लागू होने के बाद उसमें 700,000 बैरल की कटौती हो सकती है।