कोटा। आयकर दिवस पर आयकर विभाग, कोटा व्यापार महासंघ, दी एस एस आई एसोसियशन, लघु उद्योग भारती एवं टेक्स बार एसोसियशन की संयुक्त कार्यशाला आज पुरूषार्थ भवन गोबरिया बावड़ी पर सम्पन्न हुई। कार्यशाला को संबोधित करते हुये मुख्य अतिथि प्रिंसीपल कमिश्नर आयकर विभाग एस. एस. गौतम ने कहा कि आयकर विभाग व्यापारियों एवं उद्यमियों के साथ सामंजस्य बिठाकर कार्य करना चाहता है।
गौतम ने कहा कि किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए हर व्यापारी एवं उद्यमी को चाहिए कि वह सही रिटर्न भरे, जिससे उसको अपने व्यवसाय के लिये भी वित्तीय संस्थाओं से समुचित ऋण भी मिल सकेगा । उन्होंने कहा कि आयकर विभाग का मुख्य उद्देश्य करदाताओं की कार्यप्रणाली को सरल करना है।
विशिष्ठ अतिथि आयकर विभाग की जोईन्ट कमिश्नर डॉ. अश्वनी होसमनी ने कहा कि हम अपने करदाताओं को सभी सुविधायें उपलब्ध कराते हैं। ऐसी कार्यशालाओं के माध्यम से व्यापारियों एवं उधमियों को जानकारी के साथ-साथ सकारात्मक माहोल बनाने का प्रयास कर रहे हैं। विशिष्ठ अतिथि आयकर विभाग की असिस्टेन्ट कमिश्नर आकृति धिनेन्द्र ने आयकर रिर्टन भरे जाने के सभी प्रकार के प्रावधानों एवं आयकर प्रक्रिया की सम्पूर्ण जानकारी प्रोजेक्टर के माध्यम से सदन को दी।
इस अवसर पर कोटा व्यापार महासंघ के अध्यक्ष क्रान्ति जैन एवं महासचिव अशोक माहेश्वरी ने कहा कि आयकर की आधी अधुरी जानकारी के चलते व्यापारी आयकर विभाग से कत्राते है, जबकि वो आयकर देना चाहते हैं । माहेश्वरी ने सर्वे एवं सर्च में ली जा रही पेनल्टी की दरों को बहुत अधिक बताते हुये इसे न्याय संगत करने की मांग की।
उन्होनें कहा वर्तमान में आयकर रिटर्न की तारीख 31 जुलाई किये जाने से नेट सर्वर पर भारी लोड पड़ रहा है और लोग समय पर रिटर्न नहीं भर पा रहे हैं, अतः इस तारीख को आगे बढाया जाये। इस अवसर पर दी एस. एस. आई. एसोसियशन के संस्थापक अध्यक्ष गोविन्द राम मित्तल ने कहा कि करदाताओं में आयकर के प्रति भय की भावना रहती है, अब करदाता कर देना चाहते है लेकिन उसमें भारी बढोतरी हो गई है।
एसोसियशन के अध्यक्ष बी. एल. गुप्ता एवं सचिव अमित बंसल ने कहा कि आयकर छूट की सीमा को 5 लाख तक बढाया जाना चाहिए । इनकम टेक्स एक्ट को नया रूप प्रदान किया जाये, ताकि पुराने प्रावधानों की कमियों को दूर किया जा सके। टैक्स बार एसोसियशन के अध्यक्ष मुकेश गुप्ता एवं सचिव देवेन्द्र कटारिया ने कहा कि आयकर में रिकार्ड रखने की सीमा 5 साल करने एवं ऑडिट की सीमा 5 करोड़ करने का सुझाव दिया।। कटारिया ने कहा कि जीएसटी. एवं आयकर की ऑडिट एक ही होने चाहिए।
एक ही टेक्स को तीन नामों से क्यो लिया जा रहा है। इसे आयकर के नाम से ही लिया जाना चाहिए। लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष विपिन सूद एवं सचिव अंकुर गुप्ता ने कहा कि सभी देशो में कर निर्धारण वर्ष एवं वित्तीय वर्ष एक ही माना जाता है। हमारे देश में भी ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए एवं कलेडर वर्ष को ही वित्तीय वर्ष माना जाना चाहिए।
इस अवसर पर आयकर विभाग एवं व्यापारियों एवं उद्यमियों के मध्य एक रूबरू कार्यक्रम भी आयोजित किया गया, जिसमें में हाडौती कोटा स्टोन इंडस्ट्रीज एसोसियशन के संस्थापक अध्यक्ष राजेश गुप्ता पूर्व अध्यक्ष देवेन्द्र जैन एवं कोटा व्यापार महासंघ के उपाध्यक्ष नन्द किशोर शर्मा आयकर से सम्बन्धित समस्याओं के प्रति ध्यान आकर्षित किया।
कोषाध्यक्ष एवं कोटा बिल्डिंग मेटेरियल व्यापार संघ के अध्यक्ष गोपाल शर्मा, कोटा ग्रेन एण्ड सीड्स मर्चेन्ट एसोसियशन के पूर्व अध्यक्ष राजेन्द्र खण्डेलवाल, अग्रसेन बाजार व्यापार संघ के अध्यक्ष महेन्द्र कांकरिया, चाय व्यापार संघ के अध्यक्ष महावीर कांकरिया, होलसेल क्लाथ मर्चेन्ट एसोसियशन के अध्यक्ष गिरिराज न्याती, वरिष्ठ कर सलाहकार एम. एल. पाटोदी सी एण्ड बिरला एवं एम. एम. शर्मा ने आयकर से सम्बन्धित समस्याएं अधिकारियों के समक्ष रखी ।