नई दिल्ली। ऐमजॉन और मिन्त्रा जैसी ई-कॉमर्स कंपनियों को टैक्स डिपार्टमेंट की ऑडिट का सामना करना पड़ सकता है। दरअसल विभाग जानना चाहता है कि क्या ये कंपनियां GST दरों में कटौती का फायदा अपने ग्राहकों को दे रही हैं। नैशनल ऐंटी प्रॉफिटियरिंग अथॉरिटी ने डायरेक्टर जनरल, ऑडिट को इसकी जांच करने का काम सौंपा है।
बता दें कि जीएसटी काउंसिल ने घरेलू सामग्री जैसे चॉकलेट, टूथपेस्ट, शैंपू, वॉशिंग पाउडर और शेविंग क्रीम पर जीएसटी दरों में कटौती की थी। पिछले साल नवंब में इन सामानों पर जीएसटी 28 फीसदी से घटाकर 18 फीसदी कर दी गई थी। हाल में कई प्रॉडक्ट्स पर जीएसटी दरें कम की गई हैं और कई वस्तुओं पर से जीएसटी हटा लिया गया है।
टैक्स डिपार्टमेंट इसपर नजर रख रहा है कि ग्राहकों को जीएसटी में कटौती का फायदा मिल रहा है या नहीं। इनमें से कई कंपनियां जमा की गई अतिरिक्त धनराशि कंज्यूमर वेलफेयर फंड में दे रही हैं। इममें नेस्ले और हिंदुस्तान यूनीलिवर शामिल हैं।
नोटिस मिलने वाली अन्य कंपनियों में जुबिलैंट फूडवर्क्स (डॉमिनोज पिज्जा), लाइफस्टाइल इंटरनैशनल और हॉन्डा मोटर शामिल हैं। सरकार ने टैक्स रेट्स की कटौती के बारे में ग्राहकों को जागरूक करने के लिए कैंपेन चलाया है। विभाग का कहना है कि ई-कॉमर्स कंपनियों को ग्राहकों से लिया गया ज्यादा टैक्स वापस करना चाहिए।