नई दिल्ली। अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बढ़ोतरी किए जाने का असर ग्लोबल मार्केट समेत भारतीय मार्केट पर भी दिखा। यूएस फेड ने ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा दी हैं। ये संकेत भी दिए हैं कि इस साल दरों में 2 बार और बढ़ोतरी की जा सकती है। फेड के फैसले से कमजोर शुरुआत के बाद भारतीय शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुए।
सेंसेक्स 139 अंक की गिरावट के साथ 35,600 के स्तर पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 49 अंक लुढ़ककर 10,808 के स्तर पर बंद हुआ। एनएसई पर सेक्टोरल इंडेक्स में फार्मा औऱ ऑटो में तेजी रही। जबकि आईटी, बैंकिंग, मेटल शेयरों में गिरावट रही।
किन शेयरों में तेजी, किनमें गिरावट
कारोबार के दौरान डॉ रेड्डीज, सिप्ला, एयरटेल, ल्यूपिन, सनफार्मा, वकरांगी, क्वालिटी, शारदा क्रॉप, पीसी ज्वेलर्स में 1.40 फीसदी तक तेजी है। वहीं, एक्सिस बैंक, आईओसी, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, अल्ट्राटेक सीमेंट, एसबीआई, ओबेरॉय रियल्टी, रेनुका, माइंडट्री और एमओआईएल में 1.13 फीसदी तक गिरावट है।
7 इंडेक्स लाल निशान में
कारोबार के दौरान निफ्टर पर 11 में से 7 इंडेक्स लाल निशान में कारोबार कर रहे हैं। सबसे ज्यादा 1.02 फीसदी गिरावट आईटी इंडेक्स में देखी जा रही है। वहीं, बैंकिंग शेयरों में भी गिरावट है।
पीएसयू बैंक इंडेक्स 0.68 फीसदी, प्राइवेट बैंक इंडेक्स में 0.26 फीसदी और निफ्टी बैंक इंडेक्स में 0.20 फीसदी गिरावट है। रियल्टी इंडेक्स में 0.53 फीसदी और मेटल में 0.09 फीसदी गिरावट है। वहीं, फार्मा इंडेक्स में 0.47 फीसदी की तेजी है। ऑटासे और एफएमसीजी में भी मामूली बढ़त दिख रही है।
यूएस फेड ने 0.25 फीसदी बढ़ाई दरें
यूएस फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरें 0.25 फीसदी बढ़ा दी हैं। वहीं, ये संकेत भी दिए हैं कि इस साल दरों में 2 बार और बढ़ोत्तरी की जा सकती है। मीटिंग में ऑफिशियल ने माना कि यूएस की इकोनॉमी मजबूती की राह पर है, ऐसे में यह भार सहने में कोई परेशानी नहीं होगी। ऑफिशियल का कहना है कि इससे इकोनॉमिक ग्रोथ पर असर नहीं होगा।
फेड चेयरमैन जेरोम एच पॉवेल ने कहा कि यूएस इकोनॉमी मजबूती से आगे बढ़ रही है। अमेरिका में बेरोजगारी घटी है और लोगों के खर्च करने की क्षमता बढ़ी है। अमेरिका में 2018 के लिए 2 फीसदी महंगाई दर का अनुमान है। जबकि 2018 में यूएस में 2.8 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है। फेडरल रिजर्व को इस साल 2 बार और 2019 में 3 बार दरें बढ़ने की उम्मीद है।
दुनियाभर के बाजारों पर असर
फेड के फैसले के बाद दुनियाभर के बाजारों में हलचल दिख रही है। बुधवार के कारोबार में डाऊ जोंस 120 अंक कमजोर होकर बंद हुआ। नैसडैक और एसएंडपी भी गिरकर बंद हुए। बता दें कि 2008 के बाद यूएस बॉन्ड यील्ड ऊंचे स्तर पर बने हुए है। यूएस में 10 साल की बॉन्ड यील्ड 3 फीसदी के पार पहुंच गई है।
वहीं, एशियाई बाजारों में भी दबाव देखने को मिल रहा है। एसजीएक्स निफ्टी भी कमजोरी के साथ कारोबार कर रहा है।कारोबार के दौरान निक्केई में 108 अंकों की गिरावट है। वहीं, स्ट्रेट टाइम्स में 11 अंकों की, हैंगशैंग में 191 अंकों की, ताइवान वेटेड में 105 अंकों की, KOSPI में 39 अंकों की और शंघाई कंपोजिट में 9 अंकों की गिरावट दिख रही है।
करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने का भी असर
देश में करंट अकाउंट डेफिसिट बढ़ने और चीन में उम्मीद से कम इंडस्ट्रियल प्रोडक्श्ान से भी कारोबारी सेंटिमेंट कमजोर हुआ है। दुनियाभर के बाजारों की नजर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और कारोबार सलाहकारों की बैठक पर हैं, जिसमें वे चीन से आने वाले प्रोडक्ट्स पर टैरिफ लगाने पर फैसला लेंगे।