नई दिल्ली। थोक महंगाई दर मई में 4.43 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई, जो 14 महीने के टॉप पर है। थोक महंगाई बढ़ने की अहम वजह पेट्रोल-डीजल और सब्जियों की कीमतों में तेज बढ़ोत्तरी रही। पिछले साल मई में थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित महंगाई दर 2.26 फीसदी और इस साल अप्रैल में 3.18 फीसदी पर थी।
सरकार की ओर से गुरुवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, खाने-पीने की चीजों की महंगाई मई 2018 में 1.60 फीसदी रही, जो अप्रैल में 0.87 फीसदी थी। सब्जियों की महंगाई मई में बढ़कर 2.51 फीसदी हो गई, जो अप्रैल में निगेटिव जोन (-)0.89 फीसदी थी।
महीने दर महीने आधार पर मई में अंडों, मांस एवं मछली की थोक महंगाई दर -0.2 फीसदी से बढ़कर 0.15 फीसदी रही। मई में दालों की थोक महंगाई दर -22.46 फीसदी से बढ़कर -21.13 फीसदी रही है। आलू की थोक महंगाई मई में 81.93 फीसदी के टॉप पर पहुंच गई, अप्रैल यह 67.94 फीसदी थी। फलों की महंगाई डबल डिजिट में बढ़ी और यह 15.40 फीसदी रही।
फ्यूल-पावर की महंगाई तेजी से बढ़ी
आंकड़ों के अनुसार, मई में फ्यूल और पावर बॉस्केट की महंगाई तेजी से बढ़कर 11.22 फीसदी हो गई। अप्रैल में यह 7.85 फीसदी थी। फ्यूल और पावर की महंगाई बढ़ने की अहम वजह ग्लोबल क्रूड ऑयल दरों में बढ़ोत्तरी के चलते घरेलू बाजार में तेल की कीमतें बढ़ना रहा।
14 महीने की टॉप पर WPI
मार्च के लिए संशोधित WPI महंगाई दर बढ़कर 2.74 फीसदी हो गई। इसका प्रोजिनल अनुमान 2.47 फीसदी था। मई 2018 में थोक महंगाई 14 महीने के टॉप पर रही। इससे पहले वह मार्च 2017 में थोक महंगाई दर 5.11 फीसदी के स्तर पर थी।
महंगाई की चिंता पर रिजर्व बैंक ने बढ़ाया था ब्याज
इस माह की शुरुआत में वित्त वर्ष 2018-19 के लिए दूसरी मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 0.25 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर दी। आरबीआई ने चार साल में पहली बार ब्याज दरें बढ़ाईं।
रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में इजाफे की वजह महंगाई में बढ़ोत्तरी की चिंता बताई। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चा तेल (क्रूड) महंगा होने से घरेलू बाजार में भी कीमतें बढ़ीं, जिसके चलते महंगाई में तेजी आई। अप्रैल में इंडियन बॉस्केट में क्रूड के दाम 66 डॉलर प्रति बैरल से बढ़कर करीब 74 डॉलर के स्तर पर पहुंच गए थे।
खुदरा महंगाई भी 4 माह में सर्वाधिक
इस माह की शुरुआत में आए आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई भी मई में चार महीने के टॉप पर रही। खुदरा महंगाई मई में 4.87 फीसदी पर दर्ज की गई, जिसकी अहम वजह फलों, सब्जियों और फ्यूल की महंगाई बढ़ना है।