सिंगापुर भारत के लिए एफडीआई का प्रमुख स्रोत: मोदी

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सिंगापुर। तीन देशों के दौरे पर नरेंद्र मोदी का आज सिंगापुर में दूसरा दिन है। शुक्रवार को प्रेसिडेंशियल पैलेस में उनका औपचारिक स्वागत किया गया। मोदी ने सिंगापुर की राष्ट्रपति हलीमा याकूब और प्रधानमंत्री ली सिएन लूंग मुलाकात की। दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी और टेक्नोलॉजी बढ़ाने पर चर्चा हुई।

साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोदी ने कहा कि सिंगापुर, भारत में एफडीआई का प्रमुख स्रोत है। भारतीय कंपनियां सिंगापुर का इस्तेमाल एक स्प्रिंग बोर्ड की तरह करती हैं। मोदी शांगरी-ला डायलॉग में स्पीच भी देंगे। यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस सम्मेलन को संबोधित करेगा। बता दें गुरुवार को मोदी सिंगापुर में व्यापार और समुदाय से जुड़े कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

– मोदी ने कहा, “मैं गर्मजोशी के साथ स्वागत के लिए प्रधानमंत्री लूंग का धन्यवाद देता हूं। भारत और सिंगापुर के संबंधों का आधार दोनों देशों का एक-दूसरे पर भरोसा है। हमने आज भविष्य के रोडमैप के बारे में बात की।”
– “मुझे खुशी है कि कॉम्प्रिहेंसिव एग्रीमेंट का दूसरा रिव्यू हुआ है। दोनों देश इस बात पर सहमत हैं कि दूसरे रिव्यू को और पुख्ता करेंगे।”
– “सिंगापुर भारत में एफडीआई का प्रमुख स्रोत है। भारतीय कंपनियां आसियान देशों में पैठ बनाने के लिए सिंगापुर का इस्तेमाल एक स्प्रिंग बोर्ड की तरह करती हैं।”
– “रुपे, भीम और यूपीआई-आधारित ऐप का सिंगापुर में अंतर्राष्ट्रीय लॉन्च डिजिटल इंडिया तथा हमारी भागीदारी की नवीनता की भावना को दर्शाता है। कल शाम सिंगापुर की महत्वपूर्ण कंपनियों के सीईओ के साथ राउंड टेबल पर मुझे भारत के प्रति उनके विश्वास को देखकर बहुत प्रसन्नता हुई।”
– “भारत और सिंगापुर के बीच एयर ट्रैफिक तेजी से बढ़ रहा है। दोनों पक्ष शीघ्र ही द्विपक्षीय एयर सर्विस एग्रीमेंट की समीक्षा शुरू करेंगे।”
– “बार-बार होने वाले अभ्यासों और नौसैनिक सहयोग को ध्यान में रखते हुए नौसेनाओं के बीच लॉजिस्टिक एग्रीमेंट संपन्न होने का भी मैं स्वागत करता हूं। आने वाले समय में साइबर सिक्युरिटी और आतंकवाद से निपटना हमारे सहयोग के महत्वपूर्ण क्षेत्र होंगे।”
– “दोनों देशों ने मैरीटाइम सिक्युरिटी पर अपने सैद्धांतिक विचारों की पुनः पुष्टि की है और रूल्स बेस्ड ऑर्डर के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाई है। हमने खुले, स्थिर और उचित अंतर्राष्ट्रीय ट्रेड रिजाइम को बनाए रखने की जरूरत पर भी सहमति व्यक्त की है।”

मोदी शांगरी-ला डायलॉग संबोधित करने वाले पहले पीएम
– मोदी शांगरी-ला डायलॉग में क्षेत्रीय सुरक्षा मुद्दों तथा क्षेत्र में शांति एवं स्थिरता कायम रखने के बारे में भारत के विचार रख सकते हैं। इस कार्यक्रम में 40 देशों के रक्षा मंत्री, सेना प्रमुख और शीर्ष अधिकारी भाग लेंगे।
– शांगरी-ला डायलॉग के बाद सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली द्वारा सभी मेहमानों के लिए डिनर रखा गया है।
मोदी नानयांग युनिवर्सिटी का करेंगे दौरा
-मोदी सिंगापुर की नानयांग टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी भी जाएंगे। यहां वो ‘ट्रांसफॉर्मिंग एशिया थ्रो इनोवेशन’ विषय पर संबोधित करेंगे। साथ ही कई एमओयू पर हस्ताक्षर करेंगे। यहां वे यूनिवर्सिटी के अध्यक्ष और बोर्ड मेंबर से भी मुलाकात करेंगे।

व्यापार को बढ़ावा देने के लिए 14 समझौते
-भारत और सिंगापुर ने पीएम मोदी की यात्रा के दौरान 14 उद्योग से उद्योग (बी 2 बी) और उद्योग से सरकार (बी 2 जी) करारों की घोषणा की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में भारत और सिंगापुर के बीच 14 बी 2 बी और बी 2 जी दस्तावेजों की घोषणा की गई।
इंडोनेशिया में दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद देखने पहुंचे थे मोदी
– नरेंद्र मोदी 30 मई को इंडोनेशिया में इस्तिकलाल मस्जिद और सेंट्रल जकार्ता में रथ पर सवार अर्जुन की मूर्ति देखने पहुंचे थे।
– 1978 में बनी इस्तिकलाल मस्जिद दक्षिण-पूर्व एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद है। इस्तिकलाल का मतलब होता है आजादी। इंडोनेशिया की सांस्कृतिक विविधता का पता इसी बात से चलता है कि इस मस्जिद को एक ईसाई आर्किटेक्ट फ्रेडरिक सिलाबान ने डिजाइन किया था।
– इस्तिकलाल मस्जिद जाने का बाद मोदी, विदोदो के साथ अर्जुन का रथ देखने पहुंचे। महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण अर्जुन के सारथी बने थे। यएक चट्टान पर बनी कलाकृति में कृष्ण-अर्जुन को इसी रूप में दिखाया गया है।

– अर्जुन के रथ में 8 घोड़े जुते हुए हैं, जावा के दर्शन के मुताबिक इन्हें अष्टव्रत नाम दिया गया है। ये आठ घोड़े किस्मा (धरती), सूर्य, अग्नि, कार्तिक (तारे), वरुण (जल का देवता), समीरन (वायु), तीर्त (बारिश) और केंद्रा (महीने) का प्रतीक हैं।
– इस कलाकृति को 1987 में बनाया गया था। भारत से जकार्ता जाने वाले पर्यटकों के लिए ये आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।