नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2017-18 की चौथी तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ रेट 7.7 फीसदी रही है। वहीं, पूरे वित्त वर्ष में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.7 फीसदी दर्ज की गई। जीडीपी के आंकड़े सीएसओ के अनुमान के अनुरूप है सीएसओ ने वित्त वर्ष 2017 18 में जीडीपी ग्रोथ रेट 6.6 फीसदी रहने की अनुमान जताया था।
जीडीपी के आंकड़ों से साफ है कि देश की अर्थव्यवस्था अब नोटबंदी और जीएसटी के झटके से उबर कर रिकवरी की राह पर है। रिजर्व बैंक ने भी अप्रैल की मॉनिटरी पॉलिसी स्टेटमेट में कहा था कि देश में निवेश की गतिविधियों में तेजी आ रही है जिससे आने वाले समय में अर्थव्यवस्था में तेजी आएगी।
सही ट्रैक पर अर्थव्यवस्था, 3.5% रहेगा वित्तीय घाटा: सरकार
सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के आंकड़े पर सरकार उत्साहित है। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी की ग्रोथ यह दर्शाता है कि अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है। यहां तक कि वह ऊंची ग्रोथ के रास्ते पर भी है।
आर्थिक मामलों के सचिव सुभाष चंद्र गर्ग ने कहा कि सरकार ने वित्त वर्ष 2019 के लिए 7.5 फीसदी जीडीपी ग्रोथ के अनुमान को बरकरार रखा है। उन्होंने कहा कि तेल कीमतों का ग्रोथ पर असर नहीं दिखाई दिया है। वित्तीय घाटा जीडीपी का 3.5 फीसदी के दायरे में रहने की उम्मीद है। जोकि तय लक्ष्य के अनुरूप ही है।
कोर सेक्टर के बेहतर प्रदर्शन से GDP को मिली मजबूती
चौथी तिमाही के जीडीपी ग्रोथ के बेहतर आंकड़ों में औद्योगिक उत्पादन में तेजी का अहम योगदान है। कोर सेक्टर ने अप्रैल में 4.7 फीसदी ग्रोथ दर्ज की है जबकि मार्च में कोर सेक्टर की ग्रोथ 4.4 फीसदी थी। कोयला, क्रूड, नेचुरल गैस, रिफाइनरी प्रोडक्ट, फर्टिलाइजर, स्टील, सीमेंट और इलेक्ट्रिसिटी सहित आठ इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर ने कुल औद्योगिक उत्पादन में 40.27 फीसदी योगदान दिया है।
कंस्ट्रक्शन सेक्टर में आई तेजी
वित्त वर्ष 2017 18 में कंस्ट्रक्शन सेक्टर में गतिविधियां तेजी से बढ़ी हैं। नोटबंदी की मार इस सेक्टर पर सबसे ज्यादा पड़ी थी। 2017-18 में कंसट्रक्शन सेक्टर ने 5.7 फीसदी ग्रोथ दर्ज की है वहीं 2016-17 में कंट्रक्शन सेक्टर ने मात्र 1.3 फीसदी ग्रोथ दर्ज की थी।
एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ घटी
2017-18 में एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री और फिशिंग सेक्टर की ग्रोथ सुस्त हुइ है और ग्रोथ रेट 3.4 फीसदी रही है जबकि पिछले साल यानी 2016 17 में एग्रीकल्चर एग्रीकल्चर, फॉरेस्ट्री और फिशिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 6.3 फीसदी थी।
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 5.7 फीसदी
वित्त वर्ष 2017 18 में मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ में भी कमी आई है और यह 5.7 फीसदी रही है जबकि 2016-17 में यह 7.9 फीसदी थी। समान अवधि में मैन्यूफैक्चरिंग की आईआईपी की ग्रोथ 4.5 फीसदी रही है।
34.77 लाख करोड़ की हुई जीडीपी
2017- 18 की चौथी तिमाही में कांस्टैंट प्राइस पर जीडीपी बढ़ कर 34.77 लाख करोड़ रुपए की हो गई। वहीं 2016-17 की चौथी तिमाही में जीडीपी 32.27 लाख करोड़ रुपए की थी।