नई दिल्ली। कंपनियों ने अपने 10 लाख कर्मचारियों के प्रॉविडेंट फंड का पैसा सरकार के पास जमा नहीं कराया है। कंपनियों को हर माह अपने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा काट कर सरकार के पास जमा कराना होता है। सरकार चेक कर रही है कि कंपनियों ने पीएफ का पैसा उसके पास क्यों नहीं जमा कराया है।
अगर आप संगठित क्षेत्र में नौकरी करते और आप कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO के सदस्य हैं तो आप उमंग ऐप के जरिए या 011-22901406 पर अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से मिस्ड कॉल के जरिए अपना पीएफ बैंलेंस चेक कर सकते हैं।
नहीं जमा हुआ लगभग 10 लाख कर्मचारियों का पीएफ
लेबर मिनिस्ट्री के लेटेस्ट डाटा के मुताबिक मार्च, 2018 में ईपीएफओ में कंट्रीब्यूट करने वाले मेंबर्स की संख्या 4 करोड़ 71 लाख 36 हजार 381 थी। वहीं अप्रैल, 2018 में ईपीएफओ कें कंट्रीब्यूट करने वाले मेंबर्स की संख्या घट कर 4 करोड़, 61 लाख 6 हजार 568 रह गई है।
यानी ईपीएफओ में ऐसे मेंबर्स जिनका पीएफ हर माह जमा होता था उनकी संख्या 10 लाख 29 हजार 381 तक घट गई है। यानी 10 लाख से अधिक कर्मचारियों का पीएफ कंपनियों ने ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराया है।
क्यों घट गए हैं ईपीएफओ के कंट्रीब्यूटरी मेंबर्स
ईैपीएफओ के कंट्रीब्यूटरी मेंबर्स की संख्या 10 लाख तक घटने के लिए दो ही कारण जिम्मेदार हो सकते हैं। पहला कंपनियों ने अपने कर्मचारियों के पीएफ का पैसा समय पर ईपीएफओ के पास जमा नहीं कराया है और दूसरा ईपीएफओ के मेंबर्स की नौकरी चली गई है जिसकी वजह से उनका पीएफ नहीं काटा गया है। कई बार लोग नौकरी बदलते और नई कंपनी उनका दूसरा पीएफ अकाउंट खोल देती है। इससे भी पुराने पीएफ अकाउंट में कंट्रीब्यूशन बंद हो जाता है।