कोटा। रोटरी बिनानी सभागार में सीए कोटा ब्रांच की सेमिनार में ट्रस्ट व सोसायटी पर लागू होने वाले आयकर प्रावधान व अंकेक्षण रिपोर्ट की गुणवत्ता के बारे एक्सपर्ट ने बताया।
मुंबई के सीए तुषार पारीक ने कहा कि सरकार ने ऐसे नियम बना दिए हैं कि कोई भी व्यक्ति 2 हजार से ज्यादा कैश दान करेगा तो उसे इनकम टैक्स में छूट नहीं मिलेगी। इसलिए दान देते वक्त ध्यान रखें कि 2 हजार से ज्यादा दान देना हो तो चैक से पेमेंट करें। सरकार ऐसा इसलिए कर रही है कि इन पर शिकंजा कस सके।
उन्होंने बताया कि आयकर अधिनियम के अनुसार ट्रस्ट और सोसाइटी को 30 सितंबर तक रिटर्न भरना अनिवार्य है अन्यथा वह आयकर अधिनियम में प्राप्त छूट नहीं ले सकते हैं। कोई भी चैरिटेबल संस्था या ट्रस्ट को अपनी आय का कम से कम 85% हिस्सा उस वर्ष उसके उद्देश्यों में खर्च करना अनिवार्य है अन्यथा वह आयकर के लिए जोड़ी जाएगी।
यदि वह संस्था आयकर अपनी आय का 85% से कम हिस्सा खर्च कर पाती है तो वह उसे अगले 5 वर्षों तक खर्च कर सकती है, लेकिन उसके लिए उन्हें फॉर्म-10 भरना अनिवार्य है। कार्यक्रम का संचालन सचिव सीए नीतू व्यास व नीतू खंडेलवाल ने किया।
कंपनीज एक्ट के प्रावधानों का नहीं हो रहा पालन: इंदौर के सीए असीम त्रिवेदी ने बताया कि ऑडिट रिपोर्ट और वित्तीय विवरणों में जो सामान्य रूप से गलतियां रह रही है या कंपनीज एक्ट के प्रावधानों का जिस तरह से पालन नहीं किया जा रहा है। जैसे लेखांकन मानक जो कि हर कंपनी के लिए अनिवार्य है, उनका पालन नहीं किया जाता है तो उस स्थिति में आरओसी उन कंपनी और कंपनी ऑडिटर को नोटिस भेज रहे हैं।