नई दिल्ली। लीक हुए 10वीं क्लास के मैथ्स के पेपर नहीं कराने के अपने फैसले का सीबीएसई ने बचाव किया है। शुक्रवार को सीबीएसई की ओर से हाई कोर्ट को बताया गया कि साइंस, मैथ्स और इंग्लिश के पेपर का ट्रेंड अनैलिसिस करने के बाद यह फैसला लिया गया है। सीबीएसई की ओर से बताया गया कि लीक का असर सीमित रहा है, इसलिए पेपर दोबारा करवाने की जरूरत नहीं है।
सीबीएसई के रुख का संज्ञान लेते हुए जस्टिस गीता मित्तल और सी.हरि शंकर की बेंच ने याचिकाकर्ता छात्र से पूछा कि वह अपनी मांग पर क्यों अड़े हैं। बेंच ने छात्र के वकील से कहा, ‘आपका क्लायंट पेपर दोबारा नहीं कराने के फैसले से कैसे प्रभावित हुआ है। आपको इसके समग्र परिणाम के बारे में सोचना चाहिए। उन्होंने (सीबीएसई ने) न सिर्फ मैथ्स बल्कि साइंस और इंग्लिश के पेपर का भी ट्रेंड अनैलिसिस किया है और पाया है कि लीकेज का कोई खास असर नहीं पड़ा है।’
गौरतलब है कि इस साल सीबीएसई 12वीं क्लास का इकनॉमिक्स और 10वीं क्लास का मैथ्स का पेपर लीक हो गया था। इकनॉमिक्स का पेपर तो सीबीएसई ने दोबारा करवाया लेकिन मैथ्स के लीकेज का सीमित असर देखते हुए इसे दोबारा नहीं करवाने का फैसला लिया। इस पर एक छात्र ने हाई कोर्ट में याचिका दी थी।