नई दिल्ली। करीब 12 वर्षों के बाद स्विटजरलैंड की सीमेंट दिग्गज होल्सिम सीधे तौर पर भारत में प्रवेश की तैयारी में है। इसके लिए कंपनी भारत में दो बड़ी सीमेंट कंपनियों – एसीसी और अंबुजा का अधिग्रहण करेगी। प्रवर्तक कंपनी ने इन दोनों कंपनियों के विलय की तैयारी भी शुरू कर दी है। लाफार्ज होल्सिम की इकाई एसीसी लिमिटेड समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स के साथ विलय की संभावनाओं को तलाशेगी।
कंपनी ने अपने बयान में कहा कि एसीसी ने निदेशक मंडल की आज हुई बैठक में संभावित विलय का मूल्यांकन करने का निर्णय किया। कंपनी की ओर से कहा गया कि यह कदम दोनों कारोबार को एकीकृत करने को ध्यान में रखकर उठाया जा रहा है ताकि सभी हितधारकों को इसका लाभ मिल सके।
कंपनी ने कहा कि इसका मूल्यांकन करने के लिए निदेशकों की एक विशेष समिति का गठन किया गया है, जिसमें स्वतंत्र निदेशकों की संख्या संख्या ज्यादा है। हालांकि विलय पर अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है और इस बारे में विशेष समिति और लेखा समिति की सिफारिशों के आधार पर निदेशक मंडल द्वारा अंतिम निर्णय किया जाएगा।
मार्च 2017 को खत्म हुई तिमाही में अंबुजा सीमेंट के पास एसीसी की 50.05 फीसदी हिस्सेदारी थी जबकि लाफार्ज के पास 4.48 फीसदी हिस्सेदारी थी। दूसरी ओर प्रवर्तक कंपनी लाफार्ज होल्सिम का अंबुजा सीमेंट में 63.62 फीसदी की हिस्सेदारी है। अगस्त 2016 में होल्सिम (इंडिया) प्रा. लि. (एचआईपीएल) के साथ विलय के बाद एसीसी अंबुजा की सहायक इकाई बन गई थी।
विलय के बाद एसीसी की प्रवर्तक अंबुजा सीमेंट कंपनी बन गई। अगर प्रस्तावित विलय पूरा होता है तो एकीकृत इकाई का सालाना कारोबार 20,425 करोड़ रुपये से ज्यादा का होगा। जनवरी-दिसंबर वित्त वर्ष का पालन करने वाली एसीसी ने 2016 में 11,158.34 करोड़ रुपये की आय अर्जित की थी। इसी तरह अंबुजा सीमेंट ने 2016 में 9,267.82 करोड़ रुपये की आय हासिल की थी।