कोटा। चना व सरसों उत्पादक किसानों को जिंस बेचने के बाद पैसे का इंतजार करना पड़ रहा है। समर्थन मूल्य पर दोनों जिंस की 15 मार्च को खरीद शुरु हो गई थी। लेकिन एक माह गुजरने के बाद भी किसानों सरकारी कांटे पर बेची जिंस का भुगतान नहीं हुआ है। ऐसे में उड़द की तरह हाड़ौती के 8035 किसानों का सरकारी खरीद प्रक्रिया में 72 करोड़ रुपए का भुगतान अटका पड़ा है।
जबकि खरीद नियमों के अनुसार किसानों को चना व सरसों का पेमेंट जिंस बेचने के 48 घंटे में होना था। इधर, राजफेड के क्षेत्रीय प्रबंधक नरेश शुक्ला ने बताया कि किसानों का पेमेंट आगामी सप्ताह में हो जाएगा। इसके लिए किसान चिंता न करें।
राजफेड की चना व सरसों की 12 अप्रेल तक की खरीद के अनुसार अभी तक 6064 किसानों से 1 लाख 28 हजार क्विंटल चना खरीदा। उक्त किसानों को राजफेड को 56 करोड़ रुपए का भुगतान करना है। ऐसे ही 1971 किसानों से राजफेड ने 40 हजार क्विंटल सरसों की खरीद की। उक्त किसानों का 16 करोड़ रुपए बकाया है। जबकि किसानों को अक्षय तृतीया के सावे पर पैसे की जरूरत है।
विभाग कर रहा आदेश का इंतजार
केंद्र सकार ने राज्य सरकार को किसानों का लहसुन बाजार हस्तक्षेप योजना के तहत 3257 रुपए प्रति क्विंटल खरीदने के आदेश दिए है। लेकिन लहसुन खरीद को लेकर शनिवार तक राजफेड के पास कोई ऑर्डर नहीं आए। क्षेत्रीय प्रबंधक नरेश शुक्ला ने बताया कि शाम तक कोई आदेश सरकार से लहसुन खरीद के संबंध में नहीं मिले।
विभाग आदेश का इंतजार कर रहा है। चूंकि केंद्र ने राज्य सरकार को 12 अप्रेल को आदेश जारी करते हुए 13 अप्रेल से लहसुन की खरीद करने को कहा था। जो 12 मई तक की जाएगी। लेकिन आदेश के दो दिन निकल जाने के बाद भी हाड़ौती में लहसुन की सरकारी खरीद नहीं हुई। अब सोमवार तक खरीद के आदेश आने के साथ लहसुन खरीद शुरु होने की उम्मीद की जा रही है।