मुकंदरा विकास की नई इबारत लिखेगा बाघ : जल बिरादरी

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कोटा। राष्ट्रीय जल बिरादरी ने कोटा के मुकंदरा बाघ संरक्षित क्षैत्र में बाघों के पुनर्वास का स्वागत करते हुए इसे विकास की नई इबारत बताया है। जल बिरादरी के प्रदेश उपाध्यक्ष बृजेश विजयवर्गीय, संभागीय अध्यक्ष सीकेएस परामर ने कहा कि बाघ को मुकंदरा के जगंल में बसाने में सभी प्रबुद्धजनों और वन्यजीव प्रेमियों ने लगातार 30 वर्ष से प्रयास किए है।

इन लोगों ने कहा कि 3 मार्च 2018 हाड़ौती संभाग के विकास में यादगार दिन बन गया है। पुष्ट खबर है कि बाघ को मुकंदरा के जंगल में पुनः बसाने की कार्रवाई शुरू हो गई है।। हाड़ौती के लिए यह शुभ घड़ी है, कि दरा के जंगल में 4 दशकों बाद पुनः बाघों की दहाड़ की सुनाई दे रही है। 

 दोपहर को बाघ को पिजरे से आजाद कर दिया गया। सभी कुछ ठीक रहा तो और भी बाघ व बाघिन यहां लाऐ जाऐंगे। कोटा के लिए विकास की नई इबारत लिखी गई है। इसमें झालावाड़ भी चमन होगा। एक बार 2003 में भी भटक कर बाघ ब्रोकनटेल आ गया था, जो कि बाद में ट्रेन से कट कर मारा गया। 1988 से तत्कालीन उप वन संरक्षक वीके सालवान के प्रयासों की भी तारीफ की जानी चाहिए कि उन्होंने इसे नेशनल पार्क का दर्जा दिलाया।