मुंबई। देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने फिक्स्ड डिपॉजिट (एफडी) रेट्स में अचानक 0.10-0.25 प्रतिशत की बढ़ोतरी करके सबको हैरान कर दिया है। माना जा रहा है कि इकॉनमिक रिकवरी के बीच लोन की मांग बढ़ने के चलते उसने यह कदम उठाया है। एसबीआई के एफडी के रेट्स में बढ़ोतरी करने का मतलब यह भी है कि आगे चलकर लोन और महंगा हो सकता है।
देश की बैंकिंग इंडस्ट्री के 25 प्रतिशत हिस्से पर एसबीआई का कब्जा है। अब वह 2 से 10 साल के डिपॉजिट पर 6.6 से 6.75 प्रतिशत का ब्याज ऑफर करेगा। नई दरों को बुधवार से ही लागू कर दिया गया है। तीन महीने से अधिक समय में एसबीआई की यह डिपॉजिट रेट्स में चौथी बढ़ोतरी है।
बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर पी के गुप्ता ने कहा, ‘ब्याज दरों में गिरावट का दौर खत्म हो गया है और शायद इसमें बढ़ोतरी होने लगी है। हालांकि, अभी यह उस लेवल पर नहीं पहुंचा है, जिससे कर्ज महंगा करना पड़े। रेट कट की उम्मीद खत्म हो गई है। हम अपनी दरों में मार्केट रेट के हिसाब से बदलाव कर रहे हैं।’
गुप्ता के बयान से होम लोन बॉरोअर्स को रिजर्व बैंक की 5 अप्रैल की मॉनिटरी पॉलिसी मीटिंग से पहले राहत मिल सकती है। माना जा रहा है कि आरबीआई इस मीटिंग में ब्याज दरों में बदलाव नहीं करेगा। एसबीआई ने इससे पहले 28 फरवरी को रिटेल और होलसेल डिपॉजिट रेट्स में 0.10-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी।
इसके बाद 1 मार्च को उसने मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट्स (MCLR) में 0.10-0.25 प्रतिशत का इजाफा किया था। बैंक ने एक साल के लिए MCLR रेट को 7.95 प्रतिशत से बढ़ाकर 8.15 प्रतिशत कर दिया था।
ब्याज दरों में बढ़ोतरी का पहला संकेत तब मिला था, जब बैंकों ने बल्क डिपॉजिट रेट्स में बढ़ोतरी शुरू की थी। एसबीआई ने सबसे पहले यह कदम उठाया था। उसने 1 करोड़ रुपये से अधिक के डिपॉजिट पर एक साल के लिए ब्याज दर बढ़ाकर 6.25 पर्सेंट कर दी थी।
यह बढ़ोतरी दिसंबर 2017 से जनवरी 2018 के बीच की गई थी। इसके बाद एचडीएफसी बैंक, ऐक्सिस बैंक, यस बैंक, इंडसइंड बैंक सबने एक साल के MCLR रेट्स में इजाफा किया था। एक सरकारी बैंक के अधिकारी ने बताया कि एसबीआई मार्केट लीडर है। इसलिए दूसरे बैंक उसे देखकर फैसला करते हैं।
शेयर-मुद्रा बाजार में आज और कल अवकाश : बंबई स्टॉक एक्सचेंज, नैशनल स्टॉक एक्सचेंज, विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार और मुद्रा बाजार गुरुवार को महावीर जयंती और शुक्रवार को गुड फ्राइडे के अवसर पर बंद रहेंगे।