काले धन पर सख्ती से देश छोड़ रहे हैं भारतीय करोड़पति

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नई दिल्ली। पिछले साल देश छोड़कर जाने वाले भारतीय रईसों की संख्या 2014 के बाद सबसे ज्यादा रही। भारत के करोड़पति इस मामले में चीन और फ्रांस जैसे देशों से भी आगे रहे। रईसों के देश छोड़कर जाने की वजह काले धन पर सरकार की सख्ती को माना जा रहा है।

2014 से अब तक लगभग 23,000 करोड़पति भारत छोड़कर जा चुके हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 7000 लोगों ने पिछले साल देश छोड़ा है। इन आंकड़ों के हिसाब से विदेश जाने वाले करोड़पतियों की सूची में भारत का नाम सबसे ऊपर आ गया है।

मॉर्गन स्टेनली इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट के इमर्जिंग मार्केट्स हेड और चीफ ग्लोबल स्ट्रैटिजिस्ट रुचिर शर्मा के जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, 2014 के बाद 2.1 पर्सेंट करोड़पति ने भारत छोड़ा है, जबकि फ्रांस के मामले में इनकी संख्या 1.3% और चीन के मामले में 1.1% रही है। शर्मा ने ये डेटा पिछले हफ्ते हुए मीडिया इवेंट में पेश किए थे।

उन्होंने बातचीत में कहा, ‘देश में काले धन के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के चलते कुछ मिलियनेर्स का बाहर जाना स्वाभाविक माना जा रहा है। ऐसे में ज्यादतियों को लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। रेगुलेशन ज्यादा सख्त होने से ऐसे दिक्कतें होती ही हैं।’

इन सुपररिच के देश छोड़कर जाने से इन्वेस्टमेंट और कंजम्पशन के इकनॉमिक फायदे हाथ से निकल रहे हैं। शर्मा के डेटा से यह भी पता चला है कि सुपररिच लोगों के लिए ऑकलैंड, दुबई, मॉन्ट्रियल, तेल अवीव और टोरंटो पॉप्युलर डेस्टिनेशंस हैं।

जहां तक इंडियन एचएनआई की बात है तो अंदाजे से कहा जा सकता है कि इनके फेवरिट डेस्टिनेशन ब्रिटेन, दुबई और सिंगापुर हो सकते हैं। इन रईसों में उन लोगों को शामिल किया गया है, जो कम से कम छह महीने विदेश में रहे हैं। इसमें वे लोग नहीं हैं, जिनके विदेश में मकान हैं लेकिन वहां बसे नहीं हैं।

करोड़पति का मतलब उन लोगों से है, जिनके पास 10 लाख डॉलर से अधिक की नेट एसेट है। अगर समूची दुनिया की बात करें तो 2014 से अब तक डेढ़ लाख करोड़पति ने पलायन किया है। संख्या के हिसाब से सबसे ज्यादा चीन के 38,000 करोड़पति ने देश छोड़ा था, लेकिन पर्सेंटेज के हिसाब से इनका साइज भारत से कम है।

जिन देशों से सबसे ज्यादा (पर्सेंटेज) करोड़पति ने पलायन किया है, उनमें फ्रांस दूसरे नंबर पर है। ऊंचे वेल्थ टैक्स रेट की वजह से फ्रांस के अमीर लोग देश छोड़कर जा रहे थे। हालांकि, फ्रांस के नए राष्ट्रपति इमैन्युएल मैक्रों ने इस टैक्स रेट में कमी की है।