नई दिल्ली। फाइनेंशियल ईयर 2017-18 खत्म होने के पहले शनिवार को जीएसटी काउंसिल की अहम बैठक होने वाली है। बैठक में जहां ई-वे बिल की तैयारियों का रिव्यू होगा। वहीं जीएसटी में रिटर्न फाइलिंग को आसान करने पर भी खास तौर से जोर होगा।
काउंसिल की कोशिश होगी कि इस बार ई-वे बिल अप्रैल की डेडलाइन पर पूरी तैयारियों के साथ लागू हो सके। पिछली बार की तरह कोई ब्रेकडाउन न हो। इसके अलावा इस मीटिंग में कारोबारियों के लिए सिंगल फॉर्म के जरिए रिटर्न फाइलिंग का रास्ता तैयार हो सकता है।
जीएसटी पोर्टल की टेक्निकल दिक्कतों पर होगी चर्चा
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में ई-वे बिल एक अहम मुद्दा रहने वाला है। जीएसटी काउंसिल 1 अप्रैल से ई-वे बिल लाना चाहती है लेकिन सारी टेक्निकल और लॉजिस्टिक दिक्कतें खत्म होने पर ही इसे लागू करना चाहती है। ई-वे बिल 1 फरवरी को लागू किया गया था लेकिन लागू होने के कुछ घंटों बाद ही वेबसाइट के नहीं चलने पर इसे टाल दिया गया।
कम हो सकती है जीएसटी रिटर्न की संख्या
अभी कारोबारी तीन अलग-अलग रिटर्न जीएसटीआर-1, जीएसटीआर-2 और जीएसटीआर-3 फाइल करती है। जीएसटी काउंसिल इन रिटर्न की संख्या कम करने को लेकर फैसला ले सकती है। वह इसकी जगह एक सिंगल रिटर्न ला सकती है। अगर ऐसा होता है तो कारोबारियों को 37 रिटर्न की जगह 12 रिटर्न भरनी होगी। अभी तक रिटर्न भरने में आ रही परेशानी और टेक्निकल इश्यू के कारण सरकार को कई बार रिटर्न फाइलिंग डेट बढ़ानी पड़ी है।
रियल एस्टेट पर जीएसटी
जीएसटी काउंसिल की मीटिंग मे रियल एस्टेट को जीएसटी में शामिल करने पर फैसला हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि काउंसिल रियल एस्टेट को 12 फीसदी टैक्स केटेगरी में रख सखती है। स्टैंप ड्युटी और रजिस्ट्रेशन चार्ज को एक में जोड़ा जा सकता है। ये 1 अप्रैल से लागू किया जा सकता है।
टल सकता है रिवर्स चार्ज
जीएसटी काउंसिल रिवर्स चार्ज मैकेनिज्म, टैक्स डिडक्टेड एट सोर्स (टीडीएस), टीसीएस को टालने का फैसला ले सकती है। टूर ऑपरेटर को मिल सकता है इन्पुट क्रेडिट जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में टूर ऑपरेटर को इन्पुट क्रेडिट देने पर फैसला हो सकता है। जीएसटी में टूर ऑपरेटरों पर 5 फीसदी टैक्स केटेगरी में रखा गया लेकिन