नई दिल्ली। बैंकों को हजारों करोड़ की चपत लगाकर देश से फरार हो चुके नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे भगोड़ों से सबक लेकर अब सरकार ऐसे ही दूसरे डिफॉल्टर्स पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है।
गुरुवार को कैबिनेट इस विषय पर चर्चा करेगी कि जिन लोगों पर 100 करोड़ से अधिक का कर्ज है और वे देश से बाहर हैं, तो ऐसे लोगों की प्रॉपर्टी को कुर्क कर लिया जाए। पीएनबी बैंक में इतना बड़ा घोटाला सामने आने के बाद अब सरकार ऐसे मामलों में सख्त रवैया अपनाने को लेकर गंभीर है।
सूत्रों के हवाले से पता चला है कि इस तरह के डिफॉल्टर्स पर कड़ा रुख अपनाने के लिए सरकार और कड़े कानून बनाने पर विचार कर रही है। हालांकि सूत्रों ने यह भी बताया कि इस तरह के नियमों को लेकर जो मसौदा तैयार किया जा रहा है, उसे अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है।
सरकार इस संबंध में दूसरे पहलुओं पर भी विचार कर रही है। गुरुवार को होने वाली कैबिनेट मीटिंग में ऐसे ही कुछ पहलुओं पर चर्चा होगी। इसके साथ-साथ कैबिनेट चार्टर्ड अकाउंटेंट को रेग्यूलेट करने के प्रस्ताव पर भी चर्चा करेगी।
बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) के कामकाज पर निगरानी रखने के लिए एक नई संस्था नैशनल फाइनैंशल रिपोर्टिंग अथॉरिटी (NFRA) का गठन कैबिनेट मीटिंग के अजेंडा में शामिल था। हालांकि बुधवार को इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया और आज एक बार फिर कैबिनेट इस विषय पर चर्चा होगी।
पंजाब नैशनल बैंक में 12,600 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आने के बाद सरकार चार्टर्ड अकाउंटेंट की निगरानी को लेकर गंभीर है। इस घोटाले के सामने आने के बाद सरकार ने धोखाधड़ी और जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों का पता लगाने के लिए बैंकों को पहले ही आदेश दे दिया है।
सरकार ने बैंकों को कहा है कि वह 50 करोड़ रुपये से अधिक के सभी एनपीए खातों की जांच करे। विजय माल्या, नीरव मोदी और राहुल चोकसी द्वारा कर्ज न चुकाने और देश से भाग जाने को लेकर कांग्रेस, सरकार पर पहले से ही हमलावर है। ये तीनों ही देश से बाहर निकलने के बाद देश की जांच एजेंसियों को अपने खिलाफ जांच में सहयोग नहीं दे रहे हैं।
इस प्रकार के मामलों में कुछ छोटे खिलाड़ियों के होने का भी अंदेशा है। हाल ही में एक ऐसे ही मामले में करोल बाग आधारित द्वारका दास सेठ इंटरनैशनल का नाम भी सामने आया है। इसके प्रमोटर्स पहले ही अपना लोन चुकाए बिना देश से बाहर जा चुके हैं।
सीबीआई ने दिल्ली के एक जूलर के खिलाफ भी 390 करोड़ का लोन नहीं चुकाने के मामले में एक केस दर्ज किया है। इस जूलर ने ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स से यह लोन लिया था