कोटा। विवाह के अलौकिक सूत्र में बंधे अद्भुद बरगद और पीपल के वृक्ष के विवाह की वर्षगांठ स्थानीय पार्षद बृजेश शर्मा नीटू और सनी बारबसिया के नेतृत्व में वैदिक रीति रिवाज से मनाई गई। बृजेश शर्मा नीटू ने बताया कि बल्लभबाड़ी सरोवर नगर स्थित वृक्ष के नीचे जीर्ण शीर्ण अवस्था में मौजूद पीपलेश्वर महादेव के चबूतरे का सौंदर्यीकरण कराया गया है।
चबूतरे पर लाल पत्थर के द्वारा फ्लोर बनाया गया है तथा स्टील की रेलिंग भी लगाई गई है। इस दौरान पीपलेश्वर महादेव की पूजा और दुग्धाभिषेक करने के लिए लोगों का तांता लगा रहा तथा सैकड़ों लोग 50 वर्ष पुराने इस अद्भुद वृक्ष के दर्शन करने के लिए पहुंचे।
पूजा के बाद यहां भण्डारे का आयोजन भी किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसादी ग्रहण की। बृजेश शर्मा नीटू ने बताया कि करीबन 50 वर्ष पुराने बरगद और पीपल के पेड का दो दशक पूर्व इस स्थान पर विवाह कराया गया था। जिसमें प्रशासनिक अधिकारी भी शामल हुए थे।
तब से ही दोनों वृक्ष एक दूसरे से लिपटकर एक ही वृक्ष के रूप में नजर आते हैं। इस स्थान की अनदेखी के कारण से गंदगी का अम्बार भी लग गया था। जीर्ण शीर्ण अवस्था में मौजूद इस चबूतरे का सौंदर्यीकरण करके पुरानी मान्यताओं को लोगों के सामने लाया गया तो श्रद्धालुओं का तांता लग गया।
पंडितों के एक लय में श्लोकों के उच्चारण और हवन की सुंगध से पूरा वातावरण अध्यात्मय हो गया और दिशाएँ मानो शंखनाद कर रही हों कि ‘आओ सब मिलकर पेड़ों को बचाएँ, क्योंकि पेड़ों का संरक्षण ही जीवन का आधार है।’ इस दौरान वार्ड समन्वयक रौनक आनन्द, नगर निगम सफाई समिति के अध्यक्ष इन्द्रकुमार जैन समेत कईं लोग मौजूद रहे।