नई दिल्ली। मेडिकल एजुकेशन का पाठ वर्चुअल टीचिंग के जरिए पढ़ाया जाएगा। इसके जरिए बीमारी की जांच परख से लेकर इलाज के तरीके और सुदूर गांव में बैठे मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टरों को स्किल डिवेलपमेंट के बारे में बताया जाएगा। एम्स ने वर्चुअल टीचिंग कॉन्सेप्ट तैयार किया है। इसका पायलट प्रॉजेक्ट शुरू किया गया है। देश के 7 मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को इससे जोड़ा गया है।
एम्स के पैथोलॉजी विभाग के प्रफेसर डॉक्टर मनोज सिंह ने कहा, ‘हम इस वर्चुअल टीचिंग के जरिए गांव में काम करने वाली आशा और दूसरे हेल्थ वर्करों को भी ट्रेंड कर सकते हैं। इससे वे सही तरीके से इलाज के प्रसीजर को अपनाएंगे। मरीजों को बीमारी के बारे में सही से पता चल पाएगा।’
डॉक्टर मनोज सिंह ने कहा कि अगर एक ब्लड प्रेशर चेक करने की बात करें तो हर विभाग के डॉक्टर दावा करते हैं कि उन्हें इसके बारे में पता है। डॉक्टरों से जब पूछा गया कि चेकिंग के 22 पॉइंट्स क्या हैं और क्या आप इसे फॉलो करते हैं, तो सिर्फ एक कार्डियॉलजिस्ट का जवाब हां में था। बाकी कहीं न कहीं इस पॉइंट्स को मिस कर रहे थे।
इससे हो सकता है कि बीपी का रिजल्ट सही न आए। यही वजह है कि ऐसे चीजों का पहले विडियो बनाया जा रहा है। इसमें साउंड के जरिए चीजों को समझाया जा रहा है और फिर उसे अपलोड किया जा रहा है। इसके लिए एक सॉफ्टवेयर भी डिवेलप किया गया है, जो कॉलेज इससे जुड़ा रहेगा वह इसे खोल कर देख पाएगा।
डॉक्टर सिंह ने कहा, ‘हम बेसिक मेडिकल और लैबरेटरी स्किल्स बढ़ा रहे हैं। बीपी, पल्स रेट, ब्लड सैंपल लेने का सही तरीका क्या होता है यह बता रहे हैं। साथ में सर्जरी के दौरान किन-किन चीजों का ध्यान रखना चाहिए और सही तरीका क्या है इसका विडियो तैयार किया गया है। इसका लाइव डेमो लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स को दिया गया। इसका काफी अच्छा रेस्पॉन्स रहा।