नई दिल्ली। देश के सर्विस सेक्टर की ग्रोथ में 2018 के पहले महीने यानी जनवरी में तेजी की दर्ज की गई। निक्केई सर्विसेज बिजनेस एक्टिविटी इंडेक्स (पीएमआई) में कहा गया है कि नए बिजनेस ऑर्डर में इजाफा होने की वजह से जनवरी 2018 में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ तीन माह में सबसे तेज रही। हालांकि, लॉन्ग टर्म सर्वे औसत के हिसाब से दिसंबर में इसकी ग्रोथ में कमजोर रही थी।
कितनी बढ़ी सर्विस PMI?
जनवरी 2018 में सर्विस पीएमआई सुधर कर 51.7 पर रहा। जबकि दिसंबर में यह आंकड़ा 50.9 पर थी, जोकि सबसे तेजी से बढ़ा है। जनवरी में इंडेक्स 50 के मार्क से ऊपर रहा है। वहीं, नवंबर 2018 में यह आंकड़ा 48.5 पर था।
IHS मार्किट और रिपोर्ट को लिखने वाली आशना डोढ़िया ने कहा कि जनवरी के दौरान भारतीय सर्विस सेक्टर में रिकवरी देखी गई है। उन्होंने कहा कि जून 2017 के बाद यह सबसे मजबूत है और डिमांड कंडीशन में सुधार देखा गया है।
नए बिजनेस कॉन्ट्रैक्ट में आई ग्रोथ
जनवरी में इंडियन सर्विस प्रोवाइर्स के नए बिजनेस इनफ्लो और बढ़ते वर्कफोर्स का फायदा मिला है। इसके अलावा, बीते सितंबर के बाद से जॉब पैदा होने की दर सबसे ज्यादा रही है। जहां तक कीमत की बात है तो डोढ़िया ने कहा कि पूरे सर्विस सेक्टर में इनपुट कॉस्ट इन्फ्लेशन कमजोर रहा है। हालांकि, सर्विस प्रोवाइर्ड की ओर से लागत के बोझ को कस्टमर्स पर डाला गया है।
GST की वजह से पेमेंट में हुई देरी
डोढ़िया ने कहा कि इसी दौरान जॉब पैदा होने की रफ्तार साढ़े छह माह में दूसरी बार सबसे ज्यादा मजबूत रही है लेकिन कंपनियों को वक्त पर पेमेंट्स हालिस करने के लिए संघर्ष करना पड़ा। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) लगातार कारोबार को कमजोर करने का मुख्य कारण बना हुआ है।