जयपुर/ बेंगलुरु । जहां ‘पद्मावत’ बॉक्स ऑफिस पर सफलता के परचम लहरा रही है, वहीं इस फिल्म को लेकर अब भी करणी सेना का विरोध जारी था और यही वजह रही कि फिल्म राजस्थान में अब तक रिलीज़ नहीं हो पाई है।
अब ऐसा लग रहा है कि फिल्म को उन राज्यों में भी जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी, जहां प्रदर्शित करने से फिल्म को बैन कर दिया गया था। करणी सेना के इतिहासकार के पैनल के दो सदस्यों ने फिल्म को ग्रीन सिग्नल दे दिया है।
फिल्म को लेकर ताजा रिपोर्ट के मुताबिक, चार इतिहासकारों में से दो ने सोमवार को बेंगलुरु में फिल्म देखने के बाद इसे हरी झंडी दिखा दी है। उनका दावा है कि फिल्म किसी भी साम्प्रदायिक भावना को चोट नहीं पहुंचाती है। बता दें कि श्रीराजपूत करणी सेना के संरक्षक लोकेन्द्र सिंह कालवी ने इस फिल्म को देखने के लिए इतिहासकारों, राजघरानों के 6 सदस्यों वाले एक पैनल का गठन किया था।
इस 6 सदस्यों के पैनल में इतिहासकार आर. एस. खंगारोत, बी. एल. गुप्ता, कपिल कुमार, रोशन शर्मा, मेवाड़ राज परिवार के सदस्य विश्वराज सिंह और बांसवाड़ा राज परिवार के सदस्य जगमाल सिंह को शामिल किया गया था। रिपोर्ट में कहा गया है कि इतिहासकार आर. एस. खंगरोत और बी. एल. गुप्ता को सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (सीबीएफसी) के अध्यक्ष प्रसून जोशी की ओर से पिछले महीने ही सम्पर्क किया गया था।
उन्होंने रवि शंकर के आश्रम में यह फिल्म देखी। फिल्म पर विवाद को हमेशा के लिए खत्म करने के लिए ही उन्हें खासकर फिल्म देखने का आमंत्रण दिया गया था। प्रफेसर खंगरोत ने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि यह फिल्म समाज के किसी भी हिस्से को चोट पहुंचा सकती है। फिल्म का इतिहास से कुछ लेना-देना नहीं।
हम दोनों एक ही निष्कर्ष पर पहुंचे हैं।’ जब उनसे फिल्म में रानी पद्मिनी को प्रजेंट करने को लेकर सवाल किया गया तो खंगरोत ने कहा कि यह फिल्म में किरदार वैसा नहीं जैसा कि इतिहास में वर्णन है। उन्होंने कहा, ‘फिल्म को एक ऐसी कहानी या प्लॉट कह सकते हैं, जिसमें इतिहास का उल्लेख है और कुछ नहीं। सिनेमटॉग्रफी मेरा विषय नहीं।’
मध्यकालीन इतिहास पर कई किताब लिख चुके राजस्थान यूनिवर्सिटी से इतिहास के रिटायर्ड प्रफेसर गुप्ता ने कहा है, ‘मेरा पर्सनली मानना है कि फिल्म में कुछ भी ऐसा नहीं जो किसी खास जाति की भावनाओं को चोट पहुंचाए। किसी को भी इस फिल्म से प्रॉब्लम नहीं होनी चाहिए।’
यह फिल्म पिछले सप्ताह 25 जनवरी को रिलीज़ हुई है। गुप्ता और खंगरोत के अलावा इस पैनल में दो इतिहासकार जयपुर के रोशन शर्मा और दिल्ली के कपिल कुमार भी थे। इनके अलावा इस पैनल में जो दो नाम थे वह मेवाड़ राजघराने के विश्वराज सिंह और बांसवाड़ा के जगमाल सिंह भी शामिल थे।
संजय लीला भंसाली की भव्य फिल्म ‘पद्मावत’ तमाम विवादों के बीच पिछले वीक रिलीज़ हुई और बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा रही। फिल्म अपने पहले वीकेंड पर ही 100 करोड़ क्लब में एंट्री मार चुकी है और लगता नहीं कि सफलता का यह सिलसिला जल्द थमने वाला है।