जोधपुर। विवादित फिल्म पद्मावत के निर्माता निर्देशक संजय लीला भंसाली, अभिनेता रणवीर सिंह व अभिनेत्री दीपिका पादुकोण के खिलाफ डीडवाणा (नागौर) थाने में दर्ज एफआईआर रद्द करवाने को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका पर मंगलवार को न्यायाधीश संदीप मेहता की कोर्ट में सुनवाई हुई।
सुनवाई के दौरान संजय लीला भंसाली के अधिवक्ता ने जवाब पेश करते हुए कहां कि वह फिल्म कोर्ट के समक्ष प्रदर्शित करने के लिए तैयार है, लेकिन फिल्म को लेकर आने के दौरान सुरक्षा को लेकर आश्वस्त होना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता दीपक चौधरी से कहा कि वे फिल्म की सुरक्षा को लेकर कोर्ट को आश्वस्त करें।
सरकारी अधिवक्ता ने इसके लिए समय देने की मांग की। इस पर मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को तय की गई।
भंसाली, रणवीर व दीपिका के खिलाफ डीडवाना थाने में वीरेन्द्र सिंह व नागपाल सिंह ने आईपीसी की धारा 153 ए व 295 ए में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
यह एफआईआर रद्द करवाने के लिए उच्च न्यायालय में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत विविध आपराधिक याचिका पेश की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि ना तो फिल्म और न ही टे्रलर रिलीज किया गया है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले सिनेमाटोग्राफी अधिनियम-1952 के तहत बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन सेक्शन-5 ए के तहत सर्टिफिकेट लेना पड़ता है।
इस पर कोर्ट ने सरकारी अधिवक्ता दीपक चौधरी से कहा कि वे फिल्म की सुरक्षा को लेकर कोर्ट को आश्वस्त करें। सरकारी अधिवक्ता ने इसके लिए समय देने की मांग की। इस पर मामले की अगली सुनवाई 2 फरवरी को तय की गई।
भंसाली, रणवीर व दीपिका के खिलाफ डीडवाना थाने में वीरेन्द्र सिंह व नागपाल सिंह ने आईपीसी की धारा 153 ए व 295 ए में एफआईआर दर्ज करवाई थी।
यह एफआईआर रद्द करवाने के लिए उच्च न्यायालय में सीआरपीसी की धारा 482 के तहत विविध आपराधिक याचिका पेश की गई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील दी कि ना तो फिल्म और न ही टे्रलर रिलीज किया गया है। फिल्म के प्रदर्शन से पहले सिनेमाटोग्राफी अधिनियम-1952 के तहत बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन सेक्शन-5 ए के तहत सर्टिफिकेट लेना पड़ता है।
कोर्ट ने कहा कि चूंकि एफआईआर में फिल्म में भद्दे सीन और इतिहास के साथ छेड़छाड़ व धार्मिक भावनाएं आहत करने का आरोप है। कोर्ट यह फिल्म देखे बगैर कैसे एफआईआर निरस्त कर सकती है।पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फिल्म दिखाने के लिए कहा था। तब अधिवक्ता निशांत बोड़ा ने याचिकाकर्ता भंसाली से निर्देश प्राप्त कर जवाब देने के लिए कहा था। उन्होंने मंगलवार को सुनवाई के दौरान जवाब पेश किया।