जंगल और पानी के उपयोग से कोटा में विकसित करेंगे पर्यटन सर्किट : सांसद

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कोटा। कोटा शहर को कुदरत ने अद्वितीय खूबसूरती और अद्भुत पर्यावरणीय सौगातें दी हैं। कोटा राजस्थान का पहला ऐसा शहर है जहां जंगल और पानी दोनों है। पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, इनमें से कोई एक जरुरी होता है, लेकिन यहां पर ये दोनों ही है। इसका लाभ उठाते हुए अब कोटा में पर्यटन सर्किट विकसित किया जाएगा।

यह बात सांसद ओम बिरला ने रविवार को चंबल गार्डन में जॉय ट्रेन का लोकार्पण करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यहां पर 12 महीने बहने वाली चंबल नदी व मुकंदरा वन्यजीव अभयारण्य है। जहां संभवतः फरवरी से बाघ की दहाड़ गूंजने लगेगी। चंबल गार्डन के प्रवेश द्वार को भी भव्य स्वरूप दिया जाएगा। इ

सके अलावा बूंदी की बावडिय़ां और किला, झालावाड़ में गागरोन का किला और बारां के विभिन्न पर्यटन स्थल सहित 20 ऐसे स्थान है जिन्हें मिलाकर पूरा हाड़ौती पर्यटन सर्किट बनता है। अंत में उद्यान समिति के अध्यक्ष विनोद नायक ने सभी का आभार व्यक्त किया।

कार्यक्रम में राजस्व समिति के अध्यक्ष महेश गौतम लल्ली, पार्षद देवेंद्र चौधरी मामा, रमेश आहूजा, प्रकाश सैनी, ध्रुव प्रकाश राठौर, बृजमोहन गौड़, महेश गौतम सोनू, दौलत राम मेघवाल, राकेश पुटरा, बादाम बाई, एसई प्रेमशंकर शर्मा आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन राजेश मित्तल ने किया।

विधायक संदीप शर्मा ने कहा कि स्मार्ट सिटी मिशन, अमृत योजना समेत नगर निगम और यूआईटी के माध्यम से विभिन्न दिशाओं में विकास कार्य तेजी से चल रहे हैं। नागरिकों की भावनाओं के अनुरूप कोटा शहर का विकास हो रहा है। पहले चंबल गार्डन शहर का प्रमुख पर्यटन केंद्र हुआ करता था, लेकिन बीच में इसकी दुर्दशा हो गई। पिछले कुछ समय में नगर निगम के प्रयासों से नागरिक पुनः इसकी ओर आकर्षित हुए हैं।

पूरे किए विरासत में मिले अधूरे कार्य
महापौर महेश विजय ने कहा कि सिटी बस, जॉय ट्रेन, लक्ष्मण झूला समेत कई ऐसे अधूरे कार्य थे जो उन्हें विरासत में मिले। इन कार्यों की स्थिति भी इतनी जटिल थी कि उन्हें पटरी पर लाना कठिन हो रहा था। अब शहर में बसें और चंबल गार्डन में जॉय ट्रेन भी दौड़ रही है। स्मार्ट सिटी मिशन के तहत हम अन्य शहरों की तुलना में 30% आगे चल रहे हैं।

गोबरिया बावड़ी से नेहरू पार्क तक स्मार्ट रोड बनाया जाएगा 
स्वच्छता में बड़े शहरों को टक्कर देगा कोटा : आयुक्त डा. विक्रम जिंदल ने कहा कि स्वच्छता सर्वे में भी कोटा देश को बड़े शहरों को टक्कर देगा। शहर में 5000 से अधिक शौचालय बनवाए गए हैं, 200 से अधिक टिपर घर-घर कचरा संग्रहण कर रहे हैं। अगले एक माह में सभी कचरा पाइंट कवर कर दिए जाएंगे।