दिनेश माहेश्वरी
कोटा। एक साल में देसी गाय के दूध का बाजार पांच गुना तक बढ़ गया है और डेयरी सेक्टर के बड़े-बड़े खिलाड़ी इस मार्केट में आ चुके हैं। विदेशी और शंकर नस्लों की गाय या भैंस का दूध बाजार में ए1 दूध के नाम से जाना जाता है जबकि देसी गाय का दूध ए2 दूध कहलाता है। देश भर में रोजाना गाय और भैंस के 40 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है। लेकिन अब बाजार की नजरें देसी गाय के दूध पर टिक गई हैं।
देसी गायों का दूध, भैंस और विदेशी नस्ल की गाय के दूध से ज्यादा सेहतमंद होता है। यही वजह है कि एक साल में ये बाजार 5 गुना बड़ा हुआ है। पिछले साल रोजाना 8 से 9 लाख लीटर ए2 दूध की मांग थी, जो इस साल बढ़कर 40 से 45 लाख लीटर रोजाना हो गयी है। इस दूध को 70-80 रुपये लीटर यानि तीन गुना रेट भी मिल रहा है। वजह ये है कि इस दूध में विटामिन ए की मात्रा ज्यादा होती है और कॉलेस्ट्रोल की मात्रा भी कम रहती है।
तेजी का आलम ये है कि देश का सबसे बड़ा दूध उत्पादक ब्रांड अमूल भी देसी गाय के दूध के बाजार में उतरने को मजबूर हुआ है। अमूल के अलावा मुंबई में पारसी डेयरी, अहमदाबाद में पथमेड़ा डेयरी जैसी कई प्राइवेट डेयरी और छोटे-छोटे फार्म्स भी देसी दूध के इस मार्किट में अपना पाँव जमाने में लगे हैं।
जिस तेजी से देसी गाय के दूध का मार्केट बढ़ रहा है उसे देखते हुए न ही केवल अमूल बल्कि कई और बड़े प्लेयर्स भी इस मार्केट में उतारने का मन बना चुके हैं। इतना ही नहीं अमूल अब देसी गाय के दूध के बाद उसी दूध के बाय प्रोडक्ट्स भी बाजार में उतारने का मन बना चुकी है।