कोटा/सांगोद। महिला एवं बाल विकास विभाग में खरीदे गए फर्नीचर में कोटा में भी बड़ा घोटाला सामने आया है। एसीबी मुख्यालय के निर्देश पर कोटा एसीबी की अलग-अलग टीमों ने गुरुवार को जिलेभर में अलग-अलग सीडीपीओ के अधीन संचालित आंगनबाड़ी केंद्रों पर छापेमारी की तो इस बात का खुलासा हुआ।
पता चला कि फर्नीचर का वजन टेंडर शर्तों से कम है और उनकी थिकनेस भी मानकों के अनुरूप नहीं थी। एसीबी ने गुरुवार शाम को ही अपनी रिपोर्ट मुख्यालय को भेज दी। एसीबी कोटा के एएसपी ठाकुर चंद्रशील ने कोटा शहर में घोड़े वाले बाबा बस्ती, खेड़ली फाटक व स्टेशन क्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों व ऑफिसों में रखा फर्नीचर चेक किया।
वहीं स्पेशल यूनिट के एएसपी अरुण माच्या ने किशनपुरा तकिया में दो आंगनबाड़ी केंद्रों का निरीक्षण किया। इसी तरह सीआई अजीत बागड़ोलिया ने सांगोद, सीआई हरी सिंह मीणा ने चेचट तथा सीआई रमेश आर्य की टीम ने सुल्तानपुर क्षेत्रों में जांच की। पता चला कि टेबल का वजन 22 किलो होना चाहिए था, जो 18 से 19 किलो तक निकला।
कुर्सियों का वजन 7 किलो के मुकाबले 5 से 6 किलो ही मिला। आलमारी के वजन में भी 2 किलो का घपला मिला। इनका वजन 38 किलो निर्धारित था, जो 36 किलो ही मिला। एसीबी अधिकारियों ने उक्त फर्नीचर की थिकनेस भी मापी, जिसमें कमी निकली। इस कार्रवाई के लिए आईटीआई से स्पेशल टीम का सहयोग लिया गया।
वजन करने के लिए कांटे, थिकनेस मापने के लिए इंचटेप समेत अन्य उपकरण भी साथ थे। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि हमें सैंपल के तौर पर सामग्री जब्त करने को कहा गया था, उसी के तहत प्रत्येक टीम ने रैंडमली दो-दो जगह पहुंचकर फर्नीचर की जांच की।
इसमें एक भी जगह फर्नीचर उस क्वालिटी का नहीं मिला, जैसा जयपुर के स्तर पर टेंडर हुआ था। हालांकि यह पूरा मामला एसीबी मुख्यालय देख रहा है, इसलिए स्थानीय स्तर पर अधिकारी आगे की कार्रवाई के बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। गौरतलब है कि दो दिन पहले एसीबी ने दौसा समेत अन्य जिलों में इसी तरह की कार्रवाई की थी।