फूड इंडस्ट्रीज के छलावे से बचें- डॉ. नीलम

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कोटा। क्लीनिकल न्यूट्रिशियन डॉ. नीलम खण्डेलवाल ने कहा है कि हमें बाजार में बिकने वाले पैकेटबंद खाद्य पदार्थों से बचना चाहिए। क्योंकि यह प्रिजर्वेटिव, ट्रांसफेट, आर्टिफिशियल स्वीटनर कलरिंग एजेंट जैसे केमिकल से भरपूर होते हैं।

डॉ. नीलम इंजीनियर्स इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ अभियंताओं के बीच टेक्नीकल लेक्चरर्स में मुख्य वक्ता के रूप में बोल रहीं थी। उन्होंने कहा कि फूड इंडस्ट्रीज वर्षों से अपनी जालसाजी भरी मार्केटिंग पॉलिसी से लोगों को बहकाती आई है।

हमें पारम्परिक अनाज जैसे गेहूं, चावल को छोड़ कर कॅार्नफ्लेक्स, मल्टीग्रेन आटा आदि खाने के लिए उकसाया जा रहा है। गन्ने से बनी नेचुरल चीजों को छोड़ शुगर फ्री प्रोडक्ट की ओर प्रेरित किया जा रहा है। हमें इस षडयंत्र को समझना चाहिए।

दूसरे व्याख्यान में कोटा एनवायरमेंटल सेनीटेशन सोसायटी की अध्यक्ष डॉ. सुसेन राज ने नदियों का प्रदूषण से मुक्त करने के लिए ग्रीन ब्रिज तकनीक के इस्तेमाल का प्रजेंटेशन दिया। राज ने कहा कि इंनीनियरिंग को प्रकृति के संरक्षण में मददगार बनाना होगा। दुर्भाग्य से आज हो उल्टा रहा है। इसी कारण स्वच्छता के मिशन में काफी परेशानी आ रही है।

उन्होंने नदियों को शुद्ध करने के लिए एसटीपी की जरूरत को त्यागने का आव्हान किया। इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष सीकेएस परमार ने कहा कि इंजीनियरिंग को धरती और लोगों के स्वास्थ्य सुधरने के लिए काम करना है। तकनीक को मानव मात्र के हित में लागू करना चाहिए।

अध्यक्षता वरिष्ठ अभियंता केसी भार्गव ने की। सचिव जसवंत सिंह ने अतिथियां का परिचय दिया। कोटा सिटीजन काउंसिल के अध्यक्ष एलसी बहेती ने भी सेवा निवृत इंजीनियरों के अनुभवों को उपयोग में लेने का सुझाव दिया।