नई दिल्ली। Coriander new Crop: राजस्थान, मध्य प्रदेश एवं गुजरात जैसे शीर्ष उत्पादक प्रांतों में धनिया की अगैती बिजाई वाली फसल की कटाई-तैयारी अगले कुछ सप्ताहों में आरंभ होने वाली है जबकि अगले महीने से इसकी रफ्तार बढ़ने लगेगी। गुजरात में इसका क्षेत्रफल 3 प्रतिशत बढ़ा है मगर राजस्थान एवं मध्य प्रदेश में रकबा कुछ घटने की सूचना मिल रही है।
खरीदारों का ध्यान नई फसल पर केन्द्रित हो गया है इसलिए कारोबारी गतिविधियां धीमी पड़ गई हैं। धनिया का भाव एक निश्चित सीमा में लगभग स्थिर हो गया है और निकट भविष्य में इसमें भारी उतार-चढ़ाव आने की संभावना कम है। मौसम की हालत लगभग सामान्य बनी हुई है लेकिन कुछ इलाकों में वर्षा का अभाव महसूस किया जा रहा है। राजस्थान की रामगंज मंडी में 3500-4000 बोरी तथा बारां मंडी में 800-1000 बोरी धनिया की औसत दैनिक आवक हो रही है।

गुजरात में धनिया का उत्पादन क्षेत्र पिछले सीजन के 1.27 लाख हेक्टेयर से 3700 हेक्टेयर या करीब 3 प्रतिशत बढ़कर इस बार 1,30,700 हेक्टेयर पर पहुंचा है। फसल की हालत कुल मिलाकर संतोषजनक बताई जा रही है। धनिया का निर्यात प्रदर्शन कमजोर चल रहा है जबकि घरेलू मांग भी मजबूत रही है। हालांकि पिछले दिनों इसके दाम में कुछ सुधार आया था लेकिन ऊंचे भाव पर लिवाली कम होने से कीमतों में अब स्थिरता आ गई है।
धनिया का अगला उत्पादन पिछले सीजन के आसपास ही होने की संभावना है जबकि इसका स्टॉक भी सीमित ही है। यदि फरवरी-मार्च में मौसम अनुकूल रहा तो बाजार में भारी तेजी की संभावना क्षीण पड़ जाएगी लेकिन अगर बेमौसमी वर्षा, आंधी-तूफान अथवा ओलावृष्टि का प्रकोप हुआ तो बाजार में तेजी के चांस बन सकते हैं। घरेलू एवं निर्यात मांग तथा स्टॉकिस्टों की लिवाली पर भी धनिया का भाव आगामी समय में निर्भर करेगा।
उत्पादन अनुमान
जानकार सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2025 के लिए देश में धनिया का कुल उत्पादन 85/90 लाख बोरी के आसपास होने की संभावना है। प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात में उत्पादन 38/40 लाख बोरी, राजस्थान 14/15 लाख बोरी एवं मध्य प्रदेश 32/35 लाख बोरी के उत्पादन के पूर्वानुमान लगाए जा रहे हैं। गत वर्ष देश में धनिया की कुल पैदावार 1.10 करोड़ बोरी की मानी गई थी जबकि वर्ष 2023 में उत्पादन 1.60 करोड़ बोरी के आसपास माना गया था।
उपलब्धता एवं खपत
व्यापारिक सूत्रों का मानना है कि वर्ष 2025 के दौरान धनिया की उपलब्धता खपत की तुलना में कम रहेगी। जिस कारण से मंडियों में आवक घटने के साथ ही कीमतों में सुधार बनना शुरू हो जाएगा। एक अनुमान के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान धनिया का 85/90 लाख बोरी उत्पादन के अलावा 35/40 लाख बोरी का बकाया स्टॉक भी माना जा रहा है। जिस कारण से कुल उपलब्धता 120/10 लाख बोरी की रहेगी। जबकि हमारी सालाना खपत एवं निर्यात को मिलाकर 135/140 लाख बोरी की आवश्यकता होती है।