Economic Survey: बजट से पूर्व आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट संसद में आज पेश की जाएगी

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नई दिल्ली। Economic Survey 2024-25: आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) को 31 जनवरी को संसद में पेश किया जाएगा। यह रिपोर्ट भारत की अर्थव्यवस्था का पिछले वित्त वर्ष का विस्तृत विश्लेषण करेगी। इसमें एग्रीकल्चर, इंडस्ट्री और सर्विस सेक्टर्स में प्रमुख रुझानों के साथ आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और चुनौतियों से निपटने के लिए नीतिगत सुझाव भी दिए जाएंगे।

इस सर्वे को मुख्य आर्थिक सलाहकार वी अनंत नागेश्वरन (CEA V Anantha Nageswaran) की देखरेख में तैयार किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इसे संसद में पेश करेंगी। इसके बाद मुख्य आर्थिक सलाहकार प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सवालों के जवाब देंगे।

भारत का पहला आर्थिक सर्वेक्षण 1950-51 में पेश किया गया था। 1964 तक इसे बजट के साथ ही पेश किया जाता था, लेकिन बाद में इसे बजट से एक दिन पहले पेश करने की परंपरा शुरू हुई।

इसके अगले दिन 1 फरवरी को निर्मला सीतारमण अपना आठवां केंद्रीय बजट पेश करेंगी। बजट सत्र 31 जनवरी से शुरू होकर 4 अप्रैल तक चलेगा, जिसमें सरकार देश की आर्थिक योजनाओं और प्राथमिकताओं पर चर्चा करेगी।

क्या होता है इकोनॉमिक सर्वे ?
इकोनॉमिक सर्वे भारत की अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति का विस्तृत विश्लेषण होता है, जिसे हर साल बजट पेश करने से ठीक एक दिन पहले संसद में पेश किया जाता है। यह सर्वे देश की आर्थिक सेहत का लेखा-जोखा प्रस्तुत करता है और बताता है कि अर्थव्यवस्था किस दिशा में बढ़ रही है।

सरकार इस दस्तावेज के जरिए यह जानकारी देती है कि विभिन्न योजनाओं की प्रगति कैसी रही है और उनकी आर्थिक नीतियों का असर देश पर कैसा पड़ा है। इकोनॉमिक सर्वे न सिर्फ बीते वित्त वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों को रेखांकित करता है, बल्कि आने वाले वर्षों के लिए चुनौतियों और संभावनाओं पर भी रोशनी डालता है।

इस रिपोर्ट को तैयार करने की जिम्मेदारी वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार की होती है, जो विभिन्न आर्थिक आंकड़ों और नीतिगत विश्लेषण के आधार पर इसे तैयार करते हैं। कुल मिलाकर, यह दस्तावेज सरकार और जनता के लिए एक मार्गदर्शक की भूमिका निभाता है, जिससे भविष्य की आर्थिक योजनाओं को दिशा मिलती है।