नई दिल्ली। RBI Governor Sanjay Malhotra: राजस्थान कैडर के आईएएस संजय मल्होत्रा को केंद्रीय कैबिनेट कमेटी ने भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त कर दिया है। संजय मल्होत्रा राजस्थान कैडर के आईएएस होने के साथ राजस्थान के ही रहने वाले भी हैं।
उनका होम टाउन बीकानेर है। वो शक्तिकांत दास की जगह लेंगे। शक्तिकांत दास का कार्यकाल मंगलवार को समाप्त हो रहा है। मल्होत्रा 11 दिसंबर, 2024 को तीन साल के कार्यकाल के लिए पदभार ग्रहण करेंगे। मल्होत्रा 1990 बैच के राजस्थान कैडर के भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी हैं।
वह आठ महीने वित्तीय सेवा विभाग में सचिव रहे और फिर 1 दिसंबर, 2022 को राजस्व सचिव नियुक्त हुए। मल्होत्रा ने बैंकिंग और गैर बैंकिंग क्षेत्र का कुछ समय तक ही दायित्व संभाला है लेकिन अब वे इस क्षेत्र के नियामक की भूमिका निभाएंगे। उन्होंने नार्थ ब्लॉक में अपनी सेवाएं देने से पहले ग्रामीण विद्युतीकरण निगम (आरईसी) के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक और विद्युत मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर कार्य किया था।
मल्होत्रा ने राजस्व सचिव की भूमिका निभाने के दौरान कई महत्त्वपूर्ण फैसले लिए थे। इस क्रम में इस साल के बजट में पूंजीगत लाभ कर को युक्तिसंगत बनाना, नई कर व्यवस्था अपनाने को प्रोत्साहित करने के लिए कर स्लैब को युक्तिसंगत बनाना और अप्रत्याशित लाभ कर को हटाना प्रमुख फैसले हैं। अप्रत्याशित कर लाभ हटाने से तेल शोधन उद्योग को खासी राहत मिली है।
उन्होंने ऑनलाइन गेम्स पर 28 फीसदी कर लगाने के मामले में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक में राज्यों और केंद्र सरकार के हितों में सामंजस्य स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने वर्ष 2013 से 2018 के दौरान ज्यादातर अपने होम कैडर के विभागों में कार्य किया। इन विभागों में खनन, वाणिज्यिक कर, सूचना प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और राजस्व विभाग शामिल हैं।
इस दौरान मल्होत्रा ने विदेश में नियुक्ति के दौरान उपसचिव पद पर संयुक्त राष्ट्र के औद्योगिक विकास संगठन (यूएनआईडीओ) के परियोजना समन्वयक के रूप में कार्य किया। उन्होंने वर्ष 2000 से 2003 के दौरान अंतरिक्ष और एमएसएमई राज्य मंत्री के निजी सचिव के रूप में कार्य किया।
मल्होत्रा ने कानपुर स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) से कंप्यूटर साइंस में डिग्री हासिल की है। उन्होंने अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से पब्लिक पॉलिसी में परास्नातक किया है। राजस्व सचिव ने अपने हालिया सार्वजनिक संबोधनों में से एक 4 दिसंबर को राजस्व खुफिया निदेशालय (डीआरआई) के अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि ‘सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को ही मारने की कोशिश न करें’। उन्होंने वाणिज्यिक धोखाधड़ी के मामले में भारी कर नोटिस जारी करने से पहले अर्थव्यवस्था का ध्यान रखने की हिदायत दी थी।