आधुनिक अनुसंधानों के साथ परंपरागत कृषि तकनीक की ओर लौटना होगा: ऊर्जा मंत्री

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सांगोद में कृषि मेले के शुभारंभ पर बोले ऊर्जा मंत्री

कोटा/ सांगोद। यह धरती हमारी मां है और इसके स्वास्थ्य की चिंता करना हम पुत्रों की जिम्मेदारी है। अत्यधिक पेस्टिसाइड और उर्वरक के प्रयोग से धरती माता का स्वास्थ्य खराब हो रहा है। इसलिए हमें परंपरागत कृषि और नवाचारों के बीच तालमेल बिठाते हुए कृषि तकनीक विकसित करनी होगी।

ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने यह बात बुधवार को सांगोद में कृषि मेले के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कही। इस दौरान मंत्री श्री नागर ने विभिन्न कृषि उत्पाद और तकनीकी से संबंधित प्रदर्शनियों का अवलोकन भी किया।

मंत्री श्री हीरालाल नागर ने कहा कि धरती में नाइट्रेट की मात्रा 85% से भी अधिक हो रही है। पंजाब कभी आधुनिक कृषि का सिरमौर माना जाता था। लेकिन वहां सबसे पहले कैंसर की शुरुआत हुई। हमारे राजस्थान में भी हनुमानगढ़ और गंगानगर में कैंसर के रोगियों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है। हमारे पुरखों ने जो खेती हमें सिखाई है वह सर्वश्रेष्ठ है।

मिट्टी का परीक्षण करने के बाद ही उसमें उर्वरक का प्रयोग होना चाहिए। अधिक उत्पादन की होड़ ने हमारी खेती को बंजार बना दिया है। रासायनिक खेती पीढियों के विनाश का कारण बन रही है।

आज फिर से किसानों को परंपरागत कृषि की ओर लौटना होगा। रसायन मुक्त कृषि की शुरूआत स्वयं के लिए उत्पादन से की जा सकती है। किसान खेती के साथ उद्योग, पशुपालन और बागवानी से समृद्ध हो सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सांगोद में मंडी चालू हो, यह हम सबकी मंशा है। ताकि किसानों को उपज बेचने के लिए 50 किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़े। इसके लिए व्यापारियों को आगे आना चाहिए। जिससे व्यापारी और किसान दोनों को लाभ मिल सकेगा।

उन्होंने कहा कि सांगोद विधानसभा क्षेत्र में 15 नए जीएसएस बन गए हैं। जिनसे निर्बाध बिजली आपूर्ति के हमारे संकल्प की पूर्ति हो रही है। उन्होंने कहा अभियान पूर्वक घर-घर सोलर लगने चाहिए। हर घर बिजली उत्पादन का केंद्र बने। जिससे 300 यूनिट तक की बिजली की बचत हो सकेगी।

इससे पहले कृषि की छात्राओं को अनुदान स्वरूप एक करोड रुपए का चेक प्रदान किया गया। वहीं तारबंदी, पाइप, फार्म पोंड के अनुदान का वितरण भी किया गया। साथ ही विभिन्न कृषि बीजों के मिनी किट भी वितरित किए गए।

इस दौरान जिला प्रमुख मुकेश मेघवाल, प्रधान जयवीर सिंह, उप प्रधान ओम अडूसा, ओम मेहता, जगदीश शर्मा, रामअवतार वर्मा, दिलीप गर्ग, गोपाल सोनी, धनराज मीणा, नंद बिहारी मालव समेत कई लोग मौजूद रहे।